Tata Group : टाटा की इस मशहूर ब्रांड का हुआ टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में हुआ विलय, जाने क्या है कारण
Tata Group वैश्विक अर्थव्यवस्था से कदमताल करने वाली टाटा समूह ने बड़ा कदम उठाया है। समूह ने अपनी कंपनी टाटा कॉफी को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट में मर्ज कर दिया है। हालांकि इससे टाटा कॉफी के शेयरधारकों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है...
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2022 04:15 PM (IST)
जमशेदपुर : नमक से लेकर स्टील, सॉफ्टवेयर और विमानन सेवा के क्षेत्र में कार्यरत टाटा समूह हर दिन नई-नई कंपनियों का विलय कर रही है। लेकिन पिछले दिन आई एक खबर ने सभी को चौका दिया। दरअसल टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) ने पिछले दिनों टाटा कॉफी लिमिटेड के सभी व्यवसायों के विलय की घोषणा की।
कंपनी प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि बेहतर तालमेल स्थापित करने और संबधित कंपनी की क्षमता को और बढ़ाने के लिए रणनीतिक रूप से यह पहल की गई है। जबकि टाटा कॉफी लिमिटेड (टीसीएल) के बागान व्यवसाय को टीसीपीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई टीसीपीएल बेवरेजेज एंड फूड्स लिमिटेड (टीबीएफएल) में विलीन कर दिया जाएगा। वहीं टीसीएल का शेष कारोबार, जिसमें इसके ब्रांडेड कॉफी व्यवसाय शामिल हैं, को टीसीपीएल के साथ मिला दिया जाएगा। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि पहले व दूसरे चरण में होने वाला विलय, दोनो व्यवसाय को एक समग्र योजना के तहत किया जा रहा है।
शेयरधारकों का भी रखा जाएगा ख्याल
कंपनी प्रबंधन का कहना है कि इस योजना के तहत, टीसीएल (टीसीपीएल के अलावा) के शेयरधारकों को टीसीएल में उनके द्वारा रखे गए प्रत्येक 10 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल के कुल 3 इक्विटी शेयर प्राप्त होंगे। यह डीमर्जर के लिए विचाराधीन टीसीएल के प्रत्येक 22 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल का एक इक्विटी शेयर दिए जाएंगे। विलय के लिए, टीसीएल के प्रत्येक 55 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल के 14 इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। यह टीसीपीएल और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में टीसीएल के ब्रांडेड कंपनी के एकीकरण और 100 प्रतिशत स्वामित्व के अधिकार को सक्षम बनाएगा।
बोर्ड ने दी मंजूरी
पिछले दिनों टीसीपीएल और टीसीएल के निदेशक मंडल ने एक बैठक हुई जिसमें टीबीएफएल के साथ टीसीएल के व्यवसाय के संयोजन को मंजूरी दे दी है। टीसीपीएल ने आगे कहा कि वह अपनी यूके की सहायक कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूके लिमिटेड में अपने इक्विटी शेयरों के शेयर स्वैप के माध्यम से कमजोर सेक्टर को बेहतर करने का प्रस्ताव दिया है। लेन-देन के परिणामस्वरूप टीसीपीएल के पास टीसीएल और टीसीपी यूके के व्यवसाय का 100 प्रतिशत स्वामित्व होगा, जो इसके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के कुशल संचालन में मददगार साबित होगा।
आपको बता दें कि दिसंबर 2021 तक, टीसीपीएल की टीसीएल में 57.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टीसीपीएल के एमडी सह सीईओ सुनील डिसूजा का कहना है कि री-कंस्ट्रक्शन प्लान, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की रणनीतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप है। तालमेल को बेहतर करने और भविष्य के लिए कंपनी को तैयार के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने आगे कहा कि यह प्लानिंग हमें अपनी आपूर्ति श्रृंखला का बेहतर लाभ उठाने, कस्टमर फोकस व्यवसाय वर्टिकल बनाने और निर्णय लेने और निष्पादन में तेजी लाने में मदद करेगा। यह वैश्विक रूप से फैले हमारे ऑपरेशन, एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनांशियल स्ट्रक्चर को बेहतर व सरल बनाने में मिल का पत्थर साबित होगा। हमें विश्वास है कि यह हमारे सभी हितधारकों के लिए यह फायदेमंद होगा।
कॉफी व्यवसाय को बनाए मजबूतटाटा कॉफी के एमडी सह सीईओ चाको थॉमस ने कहा, यह री-कंस्ट्रक्शन प्लानिंग हमारे टाटा कॉफी को हमारे पास मौजूद मजबूत कॉफी विशेषज्ञता का बेहतर लाभ उठाने में मददगार साबित होगा और हमें टीसीपीएल के ब्रांडेड कॉफी व्यवसाय के साथ और अधिक स्टैंडअलोन व्यापार को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा।उन्होंने कहा कि टीसीपीएल के चाय व्यवसाय के साथ हमारे एक्सट्रैक्शन व्यवसाय को मिलाने से हमें अपने उत्पाद की पेशकश को मजबूत करने और पोर्टफोलियो और भौगोलिक पहुंच को बढ़ाकर बाजार की संभावनाओं को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हमें विश्वास है कि यह लेनदेन टीसीएल शेयरधारकों को टीसीपीएल द्वारा बहुत बड़े और तेजी से बढ़ते एकीकृत एफ एंड बी व्यवसाय से लाभ उठाने का अवसर देगा।
बदल रहा है कंपनी का नामटाटा केमिकल्स के कंज्यूमर प्रोडक्ट के कारोबार को टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के साथ विलय करने के बाद, कंपनी का नाम बदलकर टीसीपीएल कर दिया गया और अब टाटा साल्ट, टाटा टी, टेटली, एइट ओ'क्लॉक, हिमालयन वाटर, टाटा वाटर प्लस और टाटा ग्लूको प्लस जैसे ब्रांडों का मालिक है। इसके फूड पोर्टफोलियो में टाटा साल्ट, टाटा संपन्न, टाटा सोलफुल और टाटा क्यू जैसे ब्रांड शामिल हैं।
टाटा समूह की फर्म मौजूदा श्रेणी में अपने गेम प्लान का विस्तार करके और नए क्षेत्रों में प्रवेश कर एफएमसीजी श्रेणी में एक बेहतर खिलाड़ी के रूप में खुद को स्थापित करना चाहती है। टीसीपीएल की 20 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंच है। भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऑपरेशन के साथ कंपनी का सालाना कारोबार 11,600 करोड़ रुपये है।
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