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Tata Steel विस्तारीकरण पर खर्च करेगी 16000 करोड़ रुपये, राशि का 70 फीसदी इस प्रोजेक्ट पर लगेगा

Tata Steel कंपनी यह पूरा पैसा अपने आंतरिक स्त्रोतों से प्राप्त करेगी। 10 हजार करोड़ रुपये में 70 प्रतिशत राशि यानि 7000 करोड़ रुपये कलिंगनगर प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाएगा। पहले चरण में इसकी उत्पादन क्षमता को तीन मिलियन टन से बढ़ाकर आठ मिलियन टन करने की योजना है।

By Nirmal PrasadEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 19 Jun 2023 01:58 AM (IST)
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टाटा स्टील विस्तारीकरण पर खर्च करेगी 16 हजार करोड़।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर: टाटा स्टील चालू वित्तीय वर्ष में भारतीय ऑपरेशन और अंतरराष्ट्रीय परिचालन में 16 हजार करोड़ रुपये समेकित पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में खर्च करेगी। टाटा स्टील ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट 2022-23 में इसका खुलासा किया है।

रिपोर्ट में जानकारी दी गई

रिपोर्ट में कंपनी के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन व चीफ फायनांस ऑफिसर कौशिक चटर्जी ने संयुक्त रूप से यह जानकारी दी है। दोनों अधिकारियों ने बताया है कि टाटा स्टील, स्टैंडअलोन ऑपरेशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये और भारत में अपनी सहायक कंपनियों पर 2000 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया है।

कंपनी यह पूरा पैसा अपने आंतरिक स्त्रोतों से प्राप्त करेगी। 10 हजार करोड़ रुपये में 70 प्रतिशत राशि यानि 7000 करोड़ रुपये कलिंगनगर प्रोजेक्ट पर खर्च किया जाएगा। पहले चरण में इसकी उत्पादन क्षमता को तीन मिलियन टन से बढ़ाकर आठ मिलियन टन करने की योजना है। इसके अलावा अन्य सहायक कंपनियों के विस्तारीकरण पर भी काम किया जाएगा।

2000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च होंगे

विशेष रूप से डाउनस्ट्रीम प्रोजेक्ट पर 2000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा टाटा स्टील अपने यूरोप स्थित नीदरलैंड में ब्लास्ट फर्नेस की चल रही रि-साइकलिंग प्रोजेक्ट पर भी 1100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा शेश राशि का अधिकांश हिस्सा प्लांट व मशीनरी के मेंटेनेंस, पर्यावरण संरक्षण और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर खर्च किए जाएंगे।