Tata Steel: टाटा स्टील ने जारी की 2022-23 के वित्तीय आंकड़े, टर्नओवर में बढ़ोतरी, लेकिन कंपनी को 21 फीसदी का घाटा
Tata Steel नरेंद्रन टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन का कहना है कि वैश्विक व भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पहली तिमाही काफी चुनौतीपूर्ण रही। बढ़ती ब्याज दरें सप्लाई चेन में कमी और चीन में कोविड 19 के कारण मंदी ने प्रभावित किया।
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के वित्तीय आंकड़े जारी किए। जिसके तहत कंपनी के टर्नओवर में 18.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 53,465 करोड़ रुपये से बढ़कर 63,430 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि स्टील की कीमतों में आई नरमी के बाद कंपनी मुनाफा घटा। आलोच्य अवधि में 9,768 करोड़ रुपये में 21 प्रतिशत घटकर 7,714 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, आंकड़ों के तहत तिमाही दर तिमाही एबिटा मार्जिन भी 18,937 करोड़ रुपये से बढ़कर 22,717 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, भारतीय आपरेशन में रेवेन्यू 32,021 करोड़ और एबिटा 9,616 करोड़ रुपये रहा। जबकि यूरोप में कंपनी ने अब तक का सबसे अधिक 621 मिलियन यूरो का एबिटा हासिल किया जो प्रति टन 290 यूरो रहा। जबकि भारतीय आपरेशन में 23,557 रुपये का एबिटा हासिल किया।
चुनौतीपूर्ण रही पहली तिमाही
नरेंद्रन टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन का कहना है कि वैश्विक व भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पहली तिमाही काफी चुनौतीपूर्ण रही। बढ़ती ब्याज दरें, सप्लाई चेन में कमी और चीन में कोविड 19 के कारण मंदी ने प्रभावित किया। विपरित परिस्थितियों के बावजूद टाटा स्टील ने अपने मार्जिन में मजबूत सुधार किया। स्टील निर्यात पर 15 प्रतिशत शुल्क का मुकाबला करने के लिए हमने अपनी घरेलू डिलीवरी को बढ़ाने, कस्टमर रिलेशन, ब्रांड व सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए निवेश जारी है। हम अपने सस्टेनेबल जर्नी में आगे बढ़ रहे हैं और वर्ष 2045 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ स्टील का उत्पादन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में आटो सेक्टर व रिटेल सेक्टर में तेजी व सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर में किए जा रहे निवेश से स्टील की डिमांड बेहतर रहने की उम्मीद है।
कलिंगनगर को तीसरी तिमाही में शुरू करने की योजना
टीवी नरेंद्रन के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में कलिंगनगर में छह मिलियन टन प्लांट शुरू किया जाएगा। सीआरएम में पांच मिलियन टन के बाद स्थिति बेहतर होगी। इसके अलावा टाटा स्टील अपनी सहायक कंपनी, टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट द्वारा नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का रणनीतिक रूप से अधिग्रहण पूरा कर लिया है। जिससे लांग प्रोडक्ट के कारोबार में गति प्रदान की जाएगी।