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Tax on Bihar Temples : बिहार में मंदिरों से कर वसूलने का विरोध, मंदिरों का अधिग्रहण सरकारी लूट का तंत्र का आरोप

Tax on Bihar Temples बिहार सरकार के इस फैसले से हर कोई अचंभित है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अगर निजी मंदिर में कोई पूजा होता है तो फिर लगान वसूली की जाएगी। सरकार के इस फैसले का हर ओर विरोध हो रहा है...

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Tue, 07 Dec 2021 01:05 PM (IST)
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Tax on Bihar Temples : बिहार में मंदिरों से कर वसूलने का विरोध, राज्य सरकार ने लगाया है लगान
जमशेदपुर, जासं। बिहार सरकार को मंदिरों की भूमि दिखाई देती है, परंतु चर्च और मस्जिदों की भूमि दिखाई नहीं देती। बिहार में एक भी पुजारी को शासकीय वेतन नहीं दिया जाता, परंतु मौलवियों को 10 हजार रुपयों का वेतन कैसे दिया जाता है। यह संविधान की समानता के विरोध में है। मंदिरों से 4 प्रतिशत कर वसूलने के निर्णय को हम विरोध करेंगे।

ये बातें बिहार की ‘भारतीय जनक्रांति दल’ के राष्ट्रीय महासचिव अधिवक्ता राकेश दत्त मिश्र ने हिंदू जनजागृति समिति की ओर से ‘मंदिरों का अधिग्रहण : सरकारी लूट का तंत्र’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष संवाद में कहीं। मिश्र ने कहा कि इसके लिए हम राज्यपाल को निवेदन देंगे। किसी भी परिस्थिति में हम यह कानून बनने नहीं देंगे। बिहार में केवल मंदिरों से 4 प्रतिशत कर वसूलना और अन्य पंथियों को छूट देना, यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का उल्लंघन है। मंदिर व्यवस्थापन धर्मनिरपेक्ष सरकार का कार्य नहीं है।

सिद्धि विनायक मंदिर के दर्शन स्लॉट की कालाबाजारी गंभीर अपराध

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा ने कहा कि मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन टिकटों के काला बाजारी के प्रकरण में साइबर सेल से शिकायत करनी चाहिए तथा न्यायालय से न्याय मांगना चाहिए। यह गंभीर अपराध है। कोरोना काल से मुंबई के प्रसिद्ध श्री सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन के लिए ‘ऑनलाइन एप’ पर बुकिंग करना अनिवार्य किया गया है। इसलिए भक्तों को सीधे दर्शन प्राप्त नहीं होते।

भक्त बुकिंग के लिए ऑनलाइन एप पर जाते हैं, तब पहले ही दर्शन की सर्व प्रवेशिकाएं (स्लॉट) बुक होती है, क्योंकि मंदिर परिसर के सभी दुकानदारों ने अनेक बनावटी खाते बनाकर प्रवेशिकाएं बुक की होती है, जिससे भक्तों को स्लॉट नहीं मिलता।

स्थानीय दुकानदार ‘हम आपको दर्शन के लिए प्रवेशिका देते हैं’, ऐसा बताकर सिनेमा के टिकटों के समान कालाबाजारी कर प्रत्येक भक्त से 200 से 300 रुपए की लूट की जा रही है। इसमें केवल दुकानदर ही नहीं, अपितु मंडल के कुछ लोग भी सहभागी है। वे दो व्यक्तियों के लिए 1,500 रुपयों की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने छापा मारकर कुछ लोगों पर कार्यवाही की हो, तो भी यह संख्या अल्प है। बचे हुए दोषियों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। इसलिए सभी भक्तों को शिकायत करने के लिए आगे आना चाहिए, ऐसा आवाहन यह घोटाला सामने लानेवाले मुंबई के डॉ. अमित थडानी ने किया।

मंदिरों का अधिग्रहण तत्काल रद हो

पूरे देश में सरकारीकरण हुए विविध मंदिरों के भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए सनातन संस्था के धर्मप्रचारक अभय वर्तक ने कहा कि स्वतंत्रता के उपरांत देश पर हुआ सबसे बड़ा अन्याय अर्थात विविध राज्य सरकारों द्वारा की गई हिंदू मंदिरों की लूट! भ्रष्टाचार करने वाले शासकीय न्यासियों को कारागार में होना चाहिए। इसके लिए हिंदुओं को डॉ. थडानी के समान संघर्ष करना होगा। उत्तराखंड में जैसे पुजारी और हिंदुत्वादी संगठनों ने एकत्रित संघर्ष करने से वहां के मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त हुआ, वैसा ही पूरे देश के हिंदू संगठित होने पर भी हो सकता है।

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