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TCS के कर्मचारियों को साल के अंत तक ऑफिस आना होगा, वर्क फ्रॉम होम होगा खत्म

जब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत पर हमला किया था तो आईटी फर्म टीसीएस पहली कंपनी थी जिसने वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत की थी। सीईओ राजेश गोपीनाथन का कहना है कि वह कर्मचारियों को जल्द ही ऑफिस बुलाएंगे।

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Tue, 07 Sep 2021 06:00 AM (IST)
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TCS के कर्मचारियों को साल के अंत तक ऑफिस आना होगा, वर्क फ्रॉम होम होगा खत्म
जमशेदपुर। COVID-19 महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण कंपनियां वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी को वापस लेने की योजना बना रही हैं। बहुराष्ट्रीय फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अपने कर्मचारियों को 2021 के अंत तक कार्यालय में वापस आने के लिए कहेगी, जिनमें से अधिकांश को COVID-19 वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हो। बहुराष्ट्रीय आईटी फर्म को उम्मीद है कि तीसरी लहर कैसे निकलती है, इसके आधार पर 70-80 प्रतिशत लोग कार्यालय लौट आएंगे। गौरतलब है कि लगभग एक साल से टीसीएस के कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। 

70 से 80 फीसद की होगी कार्यालय वापसी

टीसीएस के सीईओ राजेश ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि कैलेंडर वर्ष के अंत या अगले साल की शुरुआत में, और यह तीसरी लहर कैसे निकलती है, इसके आधार पर हम कार्यालय में 70-80 प्रतिशत (लोगों का) वापस आ जाएंगे।

यदि टीसीएस की नियोजित वापसी योजना के अनुसार होती है, तो दूसरी आईटी कंपनियां भी इस बारे में सोचने को मजबूर होंगी। COVID-19 महामारी के शुरुआती दौर में ही टीसीएस ने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया था। 

रिलायंस के बाद टीसीएस सबसे मूल्यवान फर्म

गोपीनाथन ने कहा कि अधिग्रहण के लिए करीब 195 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण का इस्तेमाल करने की टीसीएस की कोई योजना नहीं है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का बाजार पूंजीकरण 44,832.5 करोड़ रुपये बढ़कर 14,20,935.10 करोड़ रुपये हो गया। 5 सितंबर तक, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद टीसीएस सबसे मूल्यवान फर्म है।

46 लाख लोग करते हैं टीसीएस में काम

भारत के 150 अरब डॉलर के सॉफ्टवेयर निर्यात में टीसीएस की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है और यह भारत के 46 लाख आईटी कर्मचारियों के लगभग दसवें हिस्से को रोजगार देती है। गोपीनाथन ने कहा, हम आज के बाजार के लिए बहुत रूढ़िवादी हैं। इसलिए हमारा मार्केट कैप ऊंचा हो सकता है। लेकिन फिर भी, जब नकद भुगतान करने की बात आती है, तो हम रूढ़िवादी होते हैं। हम पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ की तरह खेलना पसंद करते हैं।

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