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इस पेड़ में बड़े गुण, फूल की एक बार सुगंध ले लें तो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे, फायदे के बारे में आपको जरूर जानना चािहए

इस पेड़ के औषधीय गुण भी काफी ज्यादा हैं। यह शरीर मे कहीं भी गांठ हो उसको गला देता है। शरीर के नसों में जमा हुआ खून पतला कर देता है। चर्म रोग ठीक करता है। उच्च रक्तचाप या हाई-बीपी को ठीक करता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 09:33 PM (IST)
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सिरस औषधि का खजाना है। इसका पेड़ घना होता है।
जमशेदपुर, जासं। पर्यावरण संरक्षण, प्राणवायु आक्सीजन और शुद्ध हवा के लिए तमाम तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं। इसमें नीम, बरगद या बड़ और पीपल को प्रमुखता दी जा रही है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि सिरस या शिरीष समेत कई नामों से पुकारा जाने वाला यह पेड़ इन सबसे ऊपर है। इसके फूलों की सुगंध एक बार नाक में लग गई तो आपको जिंदगी भर याद रहेगी।

शहर की आयुर्वेद विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि दुख इस बात का है कि आज इस पेड़ की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सभी नीम, बड़, पीपल आदि लगा रहे हैं। आज सिरस के पेड़ नाममात्र के लिए देखने भर रह गए हैं। इस पेड़ के औषधीय गुण भी काफी ज्यादा हैं। यह शरीर मे कहीं भी गांठ हो, उसको गला देता है। शरीर के नसों में जमा हुआ खून पतला कर देता है। चर्म रोग ठीक करता है। उच्च रक्तचाप या हाई-बीपी को ठीक करता है। इससे कैंसर की गांठ भी ठीक हो जाती है। इसके अनगिनत गुण-धर्म हैं। यह रोग के तीन प्रमुख कारक वात, पित्त व कफ में काम करता है।  जिसके पास भी इस पौधे के बीज हैं वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को बांटें, अधिक से अधिक इस पेड़ के पौधे लगाएं। अब यह बहुत कम दिखता है, इसलिए इसे बचाना बहुत जरूरी है।

छायादार वृक्षों में भी सबसे उत्तम

सिरस औषधि का खजाना है। इसका पेड़ घना होता है। छायादार वृक्षों में इसे सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि इसके नीचे रहने पर ना केवल शुद्ध वायु मिलती है, बल्कि सुगंधित भी, जो अन्य पेड़ों में बहुत कम होती है। इसकी छाल, फूल, बीज, जड़, पत्ते आदि हरेक का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है, बस आपको जानकारी होनी चाहिए। यह वृक्ष बहुत तेजी से बढ़ता भी है। इसके विशाल पेड़ भी देखने को मिल सकते हैं। वसंत ऋतु में जब पतझड़ आती है, तो इसके भी पत्ते गिर जाते हैं।

सफेद व काले भी होते फूल

सिरस के पेड़ में उगने वाले फूल लाल, पीले, सफेद और काले भी होते हैं। यह इसकी अलग-अलग प्रजाति पर निर्भर होती है, लेकिन औषधीय गुण में विशेष अंतर नहीं होता। पहले यह पेड़ जमशेदपुर व आसपास समेत यहां के जंगलों में भी खूब मिलता था, लेकिन अब यह लुप्तप्राय हो गया है। सड़क किनारे लगे सिरस के कई पेड़ सड़क चौड़ीकरण में कट गए हैं। वन विभाग को इसके पेड़ लगाने चाहिए।

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