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Jharkhand: जेलों में बढ़ रहा बोझ; HC के मुख्य न्यायाधीश बोले- क्षमता से तीन गुना अधिक बंदी, घटाने की आवश्यकता

जेलों में बोझ बढ़ रहा है और क्षमता से तीन गुना से अधिक बंदी रह रहे हैं जिसे घटाने की आवश्यकता है। ज्यूडिशियल अकादमी झारखंड व पूर्वी सिंहभूम जजशिप द्वारा रिमांड व जमानत न्याय शास्त्र पर लोयला स्कूल स्थित फेजी सभागार में क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजय मिश्रा ने ये बातें कहीं।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Mon, 09 Oct 2023 04:00 AM (IST)
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जेल की क्षमता से तीन गुना अधिक बंदी, घटाने की आवश्यकता (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता,जमशेदपुर। जेलों में बोझ बढ़ रहा है और क्षमता से तीन गुना से अधिक बंदी रह रहे हैं जिसे घटाने की आवश्यकता है। ज्यूडिशियल अकादमी, झारखंड व पूर्वी सिंहभूम जजशिप द्वारा रिमांड व जमानत न्याय शास्त्र पर लोयला स्कूल स्थित फेजी सभागार में क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजय मिश्रा ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जेल में सजायाफ्ता के साथ-साथ विचाराधीन व वैसे कैदी भी रह रहे हैं जिनकी सजा पूरी हो चुकी है या लंबे समय से जिन्हें दोषी करार नहीं दिया गया है। 

ऐसे सभी मामलों सहित रिमांड पर जल्द निर्णय लेने पर जोर दिया। मुख्य न्यायधीश ने जोर देते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि न्यायिक सदस्य नियमित रूप से जेलों का दौरा कर वहां की स्थिति-परिस्थिति को देखे। साथ ही उन्होंने कम गंभीर मामलों में न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले विवेचना कर अपने विवेक से निर्णय लेने को कहा।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि न्याय सभी के लिए सुलभ व सहज होना चाहिए। वहीं,अकादमी के प्रभारी जज सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि रिमांड पर भेजने से पहले सभी तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने की आवश्यकता है। स्थिति-परिस्थिति व कानून पर निर्णय लेने की प्रक्रिया त्वरित होनी चाहिए।

सम्मेलन में हाई कोर्ट के न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा, दीपक रौशन, अंबुज नाथ, न्यायिक अकादमी रांची के निदेशक सुधांशु कुमार शशि, न्यायाधीश राजेश कुमार, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जमशेदपुर अनिल कुमार मिश्रा, पूर्वी सिंहभूम के जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल भी उपस्थित थे।

पोक्सो एक्ट पर भी हुई विस्तृत चर्चासम्मेलन में पोस्को एक्ट-2012 व एनडीपीएस केस के अनुपालन पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इसमें आने वाले व्यवधानों को कैसे दूर करें, ताकि पीड़िता को शीघ्र एवं त्वरित न्याय मिले। इस संबंध में कुशी कुशलप्पा व डा. जेएन बारोवालिया ने प्रकाश डाला। राज्य के चौथे क्षेत्रीय सम्मेलन में कोल्हान प्रमंडल के तीन जिलों से प्रधान जिला न्यायधीश व अन्य न्यायिक पदाधिकारी, जिला बार संघ, सिविल सोसाइटी, पुलिस, प्रशासन, लोयोला स्कूल के छात्र व अन्य मौजूद थे। 

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