Saraikela Job: बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार, किसान भी होंगे मालामाल; ये है योजना
Saraikela Job सरायकेला जिले के दो प्रखंडों में राइस मिल के बनने से संबंधित प्रखंड के साथ जिले के किसानों को काफी लाभ प्राप्त होगा। किसानों को धान अधिप्राप्ति से समर्थन मूल्य प्राप्त होगा। बाजार में औने पौने दाम में धान बेचने की जरूरत नहीं होगी।
By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Tue, 30 Nov 2021 12:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सरायकेला: झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में पहला राइस मिल खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है। सरायकेला- खरसावां जिले में राइस मिल के लिए भूमि चिन्हित होने के बाद जिले में दो राइस मिल निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सरायकेला जिला में भूमि नहीं मिलने के कारण कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी हैं लेकिन इस बार अधिकारियों का प्रयास रंग लाया और कम समय में ही भूमि तलाश कर सरकार को भूमि संबंधी प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया गया।
राइस मिल से एक ओर जहां किसानों को धान का उचित मूल्य मिल सकेगा, वहीं जिले के बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। प्रत्यक्ष तौर पर कम से कम 300 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। राइस मिल के निर्माण के लिए जिले के नीमडीह प्रखंड के पुरियारा में तीन एकड़ भूमि व खरसावां के गोंडामारा में तीन एकड़ भूमि का चयन कर लिया गया है। राइस मिल के निर्माण को लेकर जमीन का चिन्हित होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से जियाडा के पक्ष में हस्तांतरण किया जा रहा है। पुरियारा में खाता संख्या 164,प्लॉट 863 में रकवा तीन एकड़ व गोंडामारा में खाता संख्या 197,प्लाट संख्या 535 में तीन एकड़ भूमि पर राइस मिल का निर्माण होगा।
राइस मिल बनने से किसानों को होगा लाभ
सरायकेला जिले के दो प्रखंडों में राइस मिल के बनने से संबंधित प्रखंड के साथ जिले के किसानों को काफी लाभ प्राप्त होगा। किसानों को धान अधिप्राप्ति से समर्थन मूल्य प्राप्त होगा। बाजार में औने पौने दाम में धान बेचने की जरूरत नहीं होगी। प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। धान क्रय विक्रय को बढ़ावा मिलेगा। बाहर की चावल मिलों की मनमानि से जूझना नहीं होगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। बताया गया कि सरायकेला जिला में मुख्यरुप से धान की फसल की जाती है। जिला में धान की खेती के अनुपात में काफी कम मात्रा में धान की खरीदारी हो पाती है। लैंपसों में धान के भर जाने और राइस मिलरों द्वारा उठाव नहीं किए जाने से धान क्रय की गति काफी धीमी पड़ जाती है। जबकि जिला में आसानी से पांच से छह लाख क्विंटल तक धान की खरीदारी की जा सकती है।
धान बेचने में होगी सहूलियत
राइस मिल के बन जाने से किसानों को अपना धान धान अधिप्राप्ति केन्द्रों में बेचने में सहूलियत होगी। साथ ही किसान भी धान बिक्री के लिए आगे आएंगे। मिल के साथ भंडारण की सुविधा भी होगी। राइस मिल की शुरूआत हो जाने से इसका सीधा फायदा सरायकेला- खरसवां जिले के किसानों को मिलेगा। लैंपस में भी अब धान का भंडारण फंसा नहीं रहेगा। राइस मिल धान खरीद करेगा तो पैसा तुरंत किसानों को मिलेगा।
उपायुक्त का प्रयास रंग ला रहागौरतलब है कि जिले में राइस मिल न होने से सरायकेला जिला के किसानों को दूसरे जगहों के राइस मिल के भरोसे रहना पड़ता था। कभी-कभी धान का उठाव बाहर के राइस मिल मनमाने तरीके से करते थे तो लैंपसों के भंडारण में धान भर जाने से खरीदी प्रक्रिया प्रभावित होती थी। इस समस्या से निबटने के लिए उपायुक्त अरवा राजकमल जिले में राइस मिल स्थापित कराने को लेकर प्रयास शुरू किया था। उपायुक्त के प्रयास से राइस मिल शुरू होने की प्रक्रिया चल रही है।
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