Food Adulteration : चावल में हो रही कैसी-कैसी मिलावट, घर पर ही इसका पता लगा सकते हैं
Food Adulteration नक्कालों से सावधान रहने की जरूरत है। यह हमारे खाद्य पदार्थ में नकली माल मिलाकर खुद तो मुनाफा कमाते हैं लेकिन हम ग्राहकों के शरीर को नुकसान पहुंचा जाते हैं। चावल में ऐसे-ऐसे मिलावट किए जाते हैं जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे...
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Thu, 02 Dec 2021 01:15 PM (IST)
जमशेदपुर, जासं। खाद्य पदार्थों में मिलावट नई बात नहीं है, लेकिन चावल में भी मिलावट हो सकती है और हो रही है, यह नई बात है। मिलावटी खाद्य पदार्थों का कारोबार कुछ वर्षों में बढ़ा है। अब यह उस स्तर पर पहुंच गया है, जहां अब प्रशासन को इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने पड़ रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग भी लोगों को जागरूक कर रहा है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ की पहचान कैसे करें।
(FSSAI) ने #DetectingFoodAdulterants नाम से एक ट्विटर पहल शुरू की है। इसके तहत हर सप्ताह वे एक त्वरित परीक्षण साझा करते हैं जिससे आप यह जांचने की कोशिश कर सकते हैं कि आपका भोजन मिलावटी है या नहीं। इस हफ्ते, उन्होंने उसना या सेला चावल में मिलावट का परीक्षण साझा किया है। आपको भी जानना चाहिए...
प्लास्टिक के चावल से कैंसर का खतरा
चावल में मिलावट खुद ब खुद होते हैं, लेकिन उसमें धान की भूसी या कंकड़ आदि होते हैं। ऐसा फसल की कटाई से लेकर अनाज तक उपभोक्ताओं तक पहुंचने की प्रक्रिया में संभव है। हम जो बात कर रहे हैं, उसमें आम तौर पर मिलावट वाले चावल में ब्राउन राइस, पॉलिश्ड राइस, चावल का आटा, राइस केक और राइस ब्रान ऑयल आदि शामिल हैं।
2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे धंधेबाज हैं जो प्लास्टिक के चावल बना रहे हैं और डॉक्टरों के अनुसार प्लास्टिक के चावल कैंसर के खतरे को 15-20 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं। यह मिलावटी चावल चावल के आकार में बनाए गए आलू से या सस्ते प्लास्टिक के लेप से ढके होते हैं।
उसना चावल या सेला राइस क्या हैउसना चावल या सेला राइस, खासकर बासमती चावल की सबसे अधिक मांग है। इसमें खेत में उगे धान को पानी में उबाला जाता है, फिर उसे अच्छी तरह सुखाकर राइस मिल में भेजा जाता है। इसे सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि धान को उबालने के बावजूद चावल के मूल तत्व खनिज और अधिक विटामिन मौजूद रहते हैं।उसना चावल की शुद्धता की जांच करने के लिए FSSAI भीगे हुए चूने का प्रयोग किया जाता है। भीगे हुए या गीले चूने में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है। कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड एक अकार्बनिक यौगिक होता है। इसे पानी में ठंडा करे मिलाया जाता है। चूना का प्रयोग चावल को चमकदार या ज्यादा सफेद बनाने के लिए किया जाता है।
सेला राइस में हल्दी की मिलावट का पता ऐसे लगाएं
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- चावल के दानों पर थोड़ी मात्रा में भिगोया हुआ या गीला चूना डालें।
- बिना मिलावट वाले चावल पर गीला चूना डालने से रंग नहीं बदलता है।
- यदि चावल में चूना मिला होगा, तो चावल पर चूने का घोल डालते ही उसका रंग लाल हो जाएगा।
- हल्दी से नुकसान नहीं, रंग से होगा