World Mental Health Day 2023: मानसिक रोग से हैं परेशान तो इस नंबर पर घुमाएं कॉल, मुफ्त में मिलेगी जानकारी
आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। इस बार इसका थीम मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है है। इस दौरान चौंकानेवाली बात यह है कि देश में 70 से 80 फीसदी लोगों को मानसिक रोग का इलाज नहीं मिल पाता है। झारखंड में तो कई जिले ऐसे हैं जहां मनोचिकित्सक तक नहीं है। ऐसे में टोल फ्री नंबर पर कॉल कर इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 10 Oct 2023 01:15 PM (IST)
जासं, जमशेदपुर। कोल्हान में हर साल पांच हजार से अधिक मानसिक रोगी बढ़ रहे हैं, लेकिन दुखद यह है कि उसके हिसाब से सुविधा नहीं बढ़ी। आपको जानकर हैरानी होगी कि कोल्हान प्रमंडल की आबादी लगभग 52 लाख है, लेकिन मनोचिकित्सकों की संख्या मात्र तीन ही है। ऐसे में मरीजों की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।
जिले में नहीं है एक भी मनोचिकित्सक
इतना ही नहीं, सरायकेला-खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक भी मनोचिकित्सक नहीं है। सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में तीन मनोचिकित्सक हैं। इसमें दो परसुडीह स्थित सदर अस्पताल व एक एमजीएम मेडिकल काॅलेज अस्पताल में तैनात हैं। इन चिकित्सकों के ऊपर भारी दबाव है।
80 फीसदी मानसिक रोगियों का नहीं हो पाता इलाज
सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक ओपीडी में मरीजों को देखने के साथ-साथ सरायकेला-खरसावां व प. सिंहभूम जिला में भी सेवा देने जाते हैं। हालांकि, मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है।नेशनल हेल्थ मेंटल सर्वे के अनुसार, देश में 70 से 80 प्रतिशत मानसिक रोगियों को इलाज नहीं मिल पाता है। कोल्हान प्रमंडल में मानसिक रोगियों के लिए अस्पताल नहीं है। वर्ष 2012 में अस्पताल खोलने का निर्णय लिया गया था, पर अब तक नहीं खुला।
पूर्वी सिंहभूम जिले के किस प्रखंड में कितने नए रोगी
प्रखंड | रोगी |
बहरागोड़ा | 96 |
बोड़ाम | 04 |
चाकुलिया | 24 |
धालभूमगढ़ | 24 |
डुमरिया | 41 |
घाटशिला | 72 |
जुगसलाई | 1,478 |
गुड़ाबांधा | 8 |
मुसाबनी | 110 |
पटमदा | 51 |
पोटका | 200 |
रोगी बढ़ने का कारण
मानसिक रोगी का सबसे बड़ा कारण तनाव है। कार्यस्थल पर तनाव को कम करने की जरूरत है। वहीं, कोरोना के बाद मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।कोरोना तो खत्म हो गया, लेकिन लोग अब भी उससे उबर नहीं पाए हैं। किसी को आर्थिक नुकसान हुआ है तो किसी की नौकरी चली गई है। वहीं, युवाओं में पढ़ाई-लिखाई व करियर को लेकर चिंता बढ़ गई है।
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मानसिक स्वास्थ्य संबंधित किसी भी परामर्श के लिए आप टोल फ्री नंबर 14416 व 1800-89-14416 पर ले सकते हैं। अत्यधिक तनाव मनोवैज्ञानिक समस्याओं को जन्म दे सकती है।फैक्ट फाइल
यह भी पढ़ें: डाकिया डाक लाया...ईमेल के जमाने में फिर से चिट्ठियां भेजने हैं लोग, अकेले बोकारो में पोस्टकार्ड से एक लाख लोगों ने भेजा खतमानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में तनाव से बचने का उपाय तलाशने की जरूरत है। किसी भी तरह के लक्षण सामने आने पर उसे नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करें- डा. दीपक गिरी, मनोचिकित्सक, सदर अस्पताल।