Yoga Tips : इन योग मुद्राओं को अपने अभ्यास में शामिल करें, जीवन भर पुराने पीठ दर्द से बचें
Yoga Tips for Chronic Pain कई बार ऑफिस मे काम करने के धुन में हम गलत पोस्चर में घंटों बैठे रहते हैं। स्मार्टफोन के कारण गर्दन का दर्द बढ़ जाता है। ऐसी बीमारियों को योगासन से ठीक किया जा सकता है। बता रही हैं योगा एक्सपर्ट पूनम वर्मा..
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 06:40 AM (IST)
जमशेदपुर : पीठ और पेट की मांसपेशियों को नियमित रूप से मजबूत करने से मुद्रा में सुधार करने और खराब मुद्रा के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद मिल सकती है। कोमल व्यायाम भी रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे अंग ठीक से काम करें।
सोनारी की योगा एक्सपर्ट पूनम वर्मा कहती हैं, आप अपने अभ्यास में इसे शामिल करेंगे तो आपके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। अपना पोस्चर में सुधार करने के लिए नियमित रूप से इनमें से किसी भी या सभी योग मुद्राओं को अपने अभ्यास में शामिल करें, जीवन भर पुराने पीठ दर्द से बचें और अपने अभ्यास और रोजमर्रा की जिंदगी में अधिक आत्मविश्वास, हल्का और मजबूत महसूस करें।
हम में से बहुत से लोग घर से काम कर रहे हैं और हो सकता है कि कार्यस्थल पर बैठने का तरीका गलत हो। इससे आपके शरीर को नुकसान पहुंचता है। लंबी शिफ्ट में काम करने या अपने गैजेट्स में लगे रहने पर हम सभी अपने पोस्चर को नजरअंदाज करने के दोषी हैं। झुकना और खराब मुद्रा हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। यह कभी-कभी दीर्घकालिक नुकसान भी पहुंचा सकता है।
योग रीढ़ और कशेरुकाओं को स्ट्रेच के माध्यम से संरेखित करके हमारे आसन को सही करने में मदद कर सकता है। यहां कुछ योग मुद्राएं दी गई हैं जो आपके शरीर की जागरूकता और कोर ताकत को बढ़ाने के साथ-साथ किसी भी प्रकार की झुकाव प्रवृत्ति को दूर करने में आपकी सहायता कर सकती हैं, जो सभी आपकी मुद्रा में सुधार करने में आपकी सहायता करेंगी।
1. त्रिकोणासन (Triangle Pose)
- चटाई पर बाएं पैर और दाएँ पैर के बीच 3-4 फीट की दूरी बनाकर खड़े हो जाएँ।
- बाजुओं को कंधे के स्तर पर आराम से दोनों तरफ सीधा फैलाएं ताकि गर्दन या कंधों पर दबाव न पड़े।
- श्वास लें, दाहिने पैर को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें, सांस छोड़ें, दाहिने हाथ को घुटने, पिंडली या टखने पर रखें।
- बाएं हाथ को छत की ओर बढ़ाया जाना चाहिए। बाएं हाथ की ओर टकटकी लगाए।
- यहां रहें और जांघों और कूल्हों के खिंचाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए सांस लें।
- सांस छोड़ते हुए दाहिने पैर को सीधा करें, बाजुओं को वापस कंधे के स्तर पर लाएं।
- बाईं ओर दोहराएं।
2. सेतु बंध सर्वांगासन (Bridge Pose)
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।
- पीठ के बल लेटकर अपने दोनों घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखें ताकि वे कूल्हे की चौड़ाई से अलग हों।
- अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ लाएं।
- सांस भरते हुए पैरों को फर्श से दबाएं और कूल्हों को ऊपर उठाएं।
- यदि आप चाहें तो हाथों को पीठ के निचले हिस्से पर लाकर सहारा दें।
- यहां 10 सेकेंड तक रुकें और गहरी सांस लेते रहें।
- सांस छोड़ें और नीचे आएं।
- इस आसन को 10 सेकेंड तक रोक कर शुरू करें। नीचे आएं, कुछ सांसें आराम करें और फिर वापस आ जाएं।
- एड़ी के बल बैठकर घुटने टेकने की मुद्रा में शुरुआत करें। यह वज्रासन है।
- सांस भरते हुए अपने माथे को जमीन पर ले आएं।
- आपकी बाहों को शरीर के दोनों ओर रखा जाना चाहिए।
- यहां रहें और सांस लें
- एक अतिरिक्त खिंचाव के लिए दाहिने हाथ को बाएं कंधे के नीचे लाएं और अपनी दाहिनी उंगलियों को देखें।
- दूसरी तरफ भी ऐसा ही करें।
- अपने पैरों के साथ एक साथ खड़े हो जाओ और बाहों को एक तरफ आराम करो।
- दोनों पैरों को जमीन पर मजबूती से लगाएं ताकि आपके शरीर का वजन समान रूप से वितरित हो।
- हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, अंगुलियों को आपस में मिला लें और हथेलियों को ऊपर की ओर मोड़ें।
- सांस भरते हुए दोनों हाथों को पंजों के बल ऊपर की ओर फैलाएं।
- यहां रहें और बिना संतुलन खोए और जमीन पर टिके हुए पूरे शरीर को ऊपर से नीचे तक खींचते हुए सांस लें।
- सांस छोड़ते हुए पैरों के बल नीचे आएं और दूसरी सांस छोड़ते हुए पंजों के बल फिर उठें। संतुलन के लिए पुन: समायोजित करने के लिए आप इस चरण का उपयोग कर सकते हैं।
- कंधों के बगल में छाती के दोनों ओर हाथों से पेट के बल लेट जाएं।
- सांस भरते हुए छाती को ऊपर उठाएं, ठुड्डी को ऊपर आसमान की ओर लाएं।
- यहां रहें और छाती को खोलने के लिए गहरी सांस लें और छोड़ें।
- सांस छोड़ें, और अपनी छाती को वापस जमीन पर टिकाएं।