बाज नहीं आ रहे मास्टरजी... छात्राओं संग अक्सर करते हैं अश्लील हरकतें, बच्चियों के घरवालों ने चखाया मजा
करमाटांड़ थाना क्षेत्र के बारादाहा जिलिमटांड़ नवीन प्राथमिक विद्यालय में छेड़खानी के आरोप में एक शिक्षक को बंधक बना लिया गया और पांच घंटे बाद उसे पुलिस के हवाले किया गया। छात्राओं का आरोप है कि सहायक शिक्षक उनके साथ अक्सर ही अश्लील हरकत करते हैं और इस मामले को लेकर कई बार उन्हें हिदायत भी दी जा चुकी है। लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
संवाद सूत्र, करमाटांड़ (जामताड़ा)। करमाटांड़ थाना क्षेत्र के बारादाहा जिलिमटांड़ नवीन प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक पर स्कूली बच्चियों ने गलत हरकत व छेड़खानी करने का आरेाप लगाया है। बच्चियों की शिकायत पर बिफरे स्वजनों व ग्रामीणों ने सोमवार को स्कूल खुलते ही बवाल काटना शुरू कर दिया और आरोपित सहायक शिक्षक अब्दुल हमीद को स्कूल के कमरे में बदं कर बंधक बनाए रखा। ग्रामीणों की आक्रोशित भीड़ में से किसी ने घटना की सूचना करामटांड़ थाने की पुलिस को दी, जिसके बाद तकरीनबन पांच घंटे के बाद आरोपित शिक्षक को पुलिस अपने साथ थाने ले गई।
स्कूली छात्राओं ने शिक्षक पर लगाया आरोप
स्कूली छात्राओं का आरोप है कि सहायक शिक्षक उनके साथ अक्सर ही अश्लील हरकत करते हैं और इस मामले को लेकर कई बार उन्हें हिदायत भी दी जा चुकी है। लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।इसी बात को लेकर सोमवार को ग्रामीणों की भीड़ स्कूल परिसर में जुटी और जमकर बवाल काटा। शिक्षक को करीब घंटे तक ग्रामीणों ने विद्यालय के अंदर बंधक बनाए रखा। बंधक बनाए जाने इसको लेकर विद्यालय में पठन-पाठन भी पूरी तरह से ठप रहा।
पुलिस ने शिक्षक को किया थाने में बंद
इस मामले में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुखदेव कुमार यादव ने कहा कि इस तरह घटना निंदनीय है। संबंधित शिक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।पुलिस के कब्जे में शिक्षक को दे दिया गया है और आगे की करवाई जा रही है। वहीं करमाटांड़ थाना प्रभारी विवेकानंद दुबे ने कहा कि पीड़िता माता-पिता लिखित आवेदन पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में शिक्षक को थाने लाया गया है।
शिक्षक को हटाने की मांग
आरोपित सहायक शिक्षक की हरकत से परेशान ग्रामीणों ने विभाग से कानूनी कार्रवाई करते हुए तत्काल उसे हटाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि सचिव की लापरवाही के कारण ही इस तरह की घटना होती है।अगर विद्यालय के सचिव की लचर व्यवस्था नहीं होती तो इस तरह की घटना को अंजाम देना मुश्किल था। कई दिनों से इस तरह की हरकतें की जा रही थीं, पर बच्चों को कसम देकर परिवार को नहीं बोलने की बात कही जाती थी। साथ ही उन्हें ऐसी घटना के बारे में बताने पर मारपीट की भी धमकी दी जा रही थी।
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