लापरवाही की हद : आंगनबाड़ी केंद्र 10 साल से बनकर तैयार, बच्चे आज भी कर रहे भवन मिलने का इंतजार
आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी जामताड़ा प्रखंड के भेलुआ पंचायत अंतर्गत घतुला गांव के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि केंद्र का भवन 10 साल पहले ही बन गया था।
By Abhijit ChaudharyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 05 Dec 2022 04:04 AM (IST)
कुंडहित (जामताड़ा), संवाद सहयोगी। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी जामताड़ा प्रखंड के भेलुआ पंचायत अंतर्गत घतुला गांव के पांच वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों की ओर से बार-बार प्रखंड से लेकर जिलास्तर अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों का ध्यान दिलाने के बावजूद आजतक यहां के लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है।
इस कारण से गांव के गरीब छोटे-छोटे बच्चों के साथ गर्भवती एवं धात्री माताओं को अंगनबाड़ी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार की ओर से गांव से तीन किमी दूर स्थित चड़कमारा आदिवासी टोला में आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया है। गांव से तीन किमी दूर होने के काराण लोग बच्चों को आगनबाड़ी नहीं भेजते हैं।
क्या है गांव की स्थिति
गांव में अनुसूचित जनजाति के 149, अनुसूचित जाति के 204 एवं पिछड़ी जाति के 430 लोग रहते हैं। गांव में ऐसे गरीब परिवार भी हैं, जिनमें 0 से पांच साल की उम्र वाले करीब 50 से अधिक बच्चे हैं। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने की वजह से गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित चड़कमारा आदिवासी टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को भेजने में बहुत ही परेशानी होती है।क्या कहते ग्रामीण
अनंत घोष, लक्ष्मीकांत घोष, गोपीनाथ घोष, उज्ज्वल खां, स्वपन गोराई, कृष्ण घोष, रतनाकर माजी, तापस, बीरबल खां, गणेश गोराईं, आनंद माजी, रहन गोप, भागीरथ खां सहित दर्जनों ग्रामीणों का कहना है कि गांव में छोटी एवं पिछड़ी जाति के 634 परिवार हैं तथा गांव से सटे जयपुर के आदिवासी टोला में 149 परिवार निवास करते हैं। दोनों गांव में 0 से पांच साल के 50 से अधिक बच्चे हैं, लेकिन यहां आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने से बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कब बना है आंगनबाड़ी केंद
आंगनबाड़ी केंद्र का भवन झारखंड सरकार की ओर से 2010-11 में चार लाख 45 हजार की लागत से घतला गांव में बनाया गया है। भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होने की जानकारी विभाग द्वारा दी गई, लेकिन आज तक भवन का हस्तांतरण नहीं किया गया है।ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी केंद्र के हस्तांतरण के लिए उपायुक्त के साथ प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को जानकारी दी है, लेकिन दस साल बीत जाने के बाद भी भवन का हस्तांतरण नहीं किया गया है।
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