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हादसे में कांस्टेबल पति की मौत, चार साल बाद इंश्योरेंस कंपनी ने किया 34 लाख का भुगतान

हादसे में कांस्टेबल पति की मौत के बाद चार साल तक पत्नी को अदालत के चक्कर काटने के बाद आखिरकार इंसाफ मिल गया। अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान सभी पक्षों को सुना गया। अंत में इंश्योरेंस कंपनी ने चेक से 34 लाख रुपए का भुगतान किया।

By Sufiyan MdEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 15 Dec 2022 11:31 PM (IST)
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अदालत की पहल पर पीड़िता सुलेखा दास को हुआ क्लेम का भुगतान।
जामताड़ा, संवाद सूत्र। गुरुवार को पीड़िता सुलेखा कुमारी दास को इंश्योरेंस कंपनी की ओर से चार साल के बाद 34 लाख रुपये के मुआवजे का चेक मिला। उक्त चेक को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी ने पीड़िता सुलेखा कुमारी दास को दिया। मौके पर उन्होंने पीड़िता को सलाह दी कि यही आपका आखिरी सहारा है। समझ बूझ के साथ इसका इस्तेमाल करें।

पीड़िता सुलेखा के पति काजू दास जामताड़ा पुलिस बल में तैनात थे। पुलिस हाईकमान के आदेश पर पांच फरवरी 2018 को जामताड़ा से पटना भारतीय स्टेट बैंक के सुरक्षित रोकड़ लाने हेतु दल-बल के साथ जा रहे थे। रास्ते में गिरिडीह के बगोदर के पास गोपालडीह गांव में रात 11:00 बजे दल की एक गाड़ी को खड़ी देख ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी।

गाड़ी से काजू दास अन्य पुलिस बल के साथ उतर कर आगे वाले दल की गाड़ी में सवारों से पूछताछ करने लगे। पता चला कि टायर पंक्चर है। इसी क्रम में पीछे से आ रहे एक हाइवा ने उन्हें ठोकर मार दी। गंभीर अवस्था में उन्हें बगोदर नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने कांस्टेबल काजू को मृत करार दिया। घटना के बाद जामताड़ा के कोर्ट रोड में रहने वाली सुलेखा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी की अदालत में मोटर दुर्घटना वाद का मामला दायर किया। उक्त मामले में गवाहों का बयान कलम बंद कराने और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय देवेश कुमार त्रिपाठी के न्यायालय के प्रयास से पीड़िता को इंश्योरेंस कंपनी की ओर से 34 लाख रुपये का भुगतान किया गया। जिसे न्यायालय ने पीड़िता सुलेखा के सुपुर्द किया। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिनव मौजूद थे।

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