बुद्धिजीवियों की सूझबूझ से टला विवाद
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोजपुर व दक्षणिडीह गांव में दो समुदाय के बीच पगडंडी सड़क पर बांस का बैरियर हटाने को लेकर भिड़ंत हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर करीब बारह बजे की है। बताया जाता है कि मोजपुर गांव के अंतिम छोर में ग्रामीणों ने करीब एक पखवारा पूर्व कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पगडंडी को लॉकडाउन के दौरान बांस का बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश करने से रोक दिया था।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोजपुर व दक्षणिडीह गांव में दो समुदाय के बीच पगडंडी सड़क पर बांस का बैरियर हटाने को लेकर भिड़ंत हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर करीब बारह बजे की है। बताया जाता है कि मोजपुर गांव के अंतिम छोर में ग्रामीणों ने करीब एक पखवारा पूर्व कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पगडंडी को लॉकडाउन के दौरान बांस का बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसको लेकर सप्ताह दो सप्ताह तक तो किसी ने विरोध नहीं किया लेकिन मोजपुर के ही एक ग्रामीण जमशेद अंसारी ने इसका विरोध गुरुवार को कर दिया और उन्होंने बांस के बैरियर को खोल दिया। जिसका विरोध दूसरे पक्ष के ग्रामीणों ने किया और बैरियर को पुन: लगाने को कहा। इसी बीच दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। मिनटों में दोनों पक्ष से दर्जनों लोग जुट गए और मामला गरम हो गया। नौबत ये आ गई अब न तब दोनों पक्ष एक-दूसरे से भीड़ जाएंगे। जब दोनों पक्ष के युवा वर्ग के लोग मामला को तूल देने लगे तो दोनों ही पक्ष के बुद्धिजीवी वर्ग के कुछेक लोगों ने मोर्चा संभाला और युवाओं को फटकार लगाई तथा समझाया। दोनों समुदाय के बुद्धिजीवी लोगों ने सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के दिशा में खूब मेहनत की। दोनों पक्षों को समझाया कि अभी देश कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी से लड़ रहा है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को अपने-अपने गांव के लोगों की रक्षा करने का हक है। हमें साधारण पगडंडी के लिए लड़ाई नहीं लड़नी है मिलजुल कर समाज को जोड़कर रखना है। इसे समुदाय विशेष का रंग देने का प्रयास नहीं करना है। बुद्धिजीवियों के सफल प्रयास के बाद दोनों पक्ष के लोग अपने-अपने घर वापस गए। हालांकि घटना के दौरान ही इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई थी और पुलिस जब तक पहुंचती तब तक ग्रामीणों के सूझबूझ से मामला शांत हो चुका था। हालांकि घटनास्थल पर घंटेभर के अंदर अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविद कुमार उपाध्याय, पुलिस इंसपेक्टर सुबोध कुमार, सीओ, थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारी पहुंच गए। अधिकारियों ने घटनास्थल की जांच किया। मामले की जानकारी ली और कनीय अधिकारियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने से जुड़े कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। साथ ही दर्जनों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती यहां कर दी गई है। समाचार लिखे जाने तक थाने में किसी पक्ष के तरफ से आवेदन नहीं आया था।
-- दोनों पक्ष लाठी डंडे से लैस : दोनों समुदाय के लोग पूरी तैयारी के साथ आपस में भिड़ने को तैयार होकर पहुंचे थे। एक मामूली विवाद दोनों समुदाय के लोगों के नुकसान के लिए कितना बड़ा कारण बनता इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि एक पक्ष की संख्या बल दूसरे पक्ष की संख्या बल से कम थी। यदि दोनों समुदाय के बुद्धिजीवी लोग चुपचाप घर में रहते तो यहां का नजारा कुछ और ही होता। ऐसी बड़ी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जिन लोगों ने अपना साहस दिखाया उसका चहुंओर चर्चा है लोग उन्हें शाबासी दे रहे हैं।