Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, अब मोटे अनाज की खेती पर मिलेंगे पैसे; ये है शर्त

मोटे आनाज की खेती को बढ़ावा देने का फैसला प्रदेश सरकार के द्वारा लिया गया है। ऐसे में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस यह शर्त रखा गया है कि इसकी खेती कम से कम एक एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ भूभाग पर होनी चाहिए तभी लाभ मिल पाएगी। तीन से 15 हजार रुपये तक दिए जाएंगे।

By Antim Chaudhari Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 20 May 2024 04:49 PM (IST)
Hero Image
झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, अब मोटे अनाज की खेती पर मिलेंगे पैसे; ये है शर्त

अंतिम चौधरी, जामताड़ा। राज्य सरकार ने मोटे आनाज की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसकी खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कम से कम एक एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ भूभाग पर खेती करने पर इसका लाभ मिलेगा। इन्हें तीन से 15 हजार रुपये तक दिए जाएंगे।

2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए यह योजना प्रस्तावित है। राज्य के सभी 24 जिलों में लागू होगी। राष्ट्रीय किसान दिवस पर बाजरा की खेती करनेवाले राज्य के 10 किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें 50 हजार रुपये नकद दिए जाएंगे।

राज्य सरकार मोटे आज की खेती को बढ़ावा देने लिए मिशन मिलेट लाई है। मोटे आज की श्रेणी में बहुत से अनाज आते हैं। इसमें रागी, लाछमी या मंडुआ, बाजरा, कलमी, कोदो, जंगोरा आदि हैं। इनकी खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।

30 अगस्त से पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन 

इसकी खेती करने वाले किसानों को 30 अगस्त से पहले सीएससी माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद एक सितंबर से 15 नवंबर तक उनकी खेतों व फसल का सर्वेक्षण कराया जाएगा। इस आधार पर पूरा राज्य के किसानों को चयन किया जाएगा।

झारखंड मिलेट मिशन 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्ष के लिए है। राज्य के सभी 24 जिलों में लागू किया जाएगा। आवश्यकता पर इसकी अवधि बढ़ाई जाएगी। अगले पांच वर्षों तक पांच लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज की खेती करवाने का लक्ष्य है।

बाजरा पर प्रसंस्करण उद्यम भी लगाया जाएगा। आइसीएआर को वित्तीय सहायता प्रदान करना किया जाएगा। बीज प्रणाली और बीज बैंक के माध्यम से बाजरा भूमि प्रजातियों का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा। झारखंड बाजरा मिशन की मुख्य विशेषताएं

यह हो सकते हैं पात्र

रैयत और बटाईदार किसान इस मिशन के तहत पात्र होंगे। इसके लिए किसानों को आधार कार्ड के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा जमीन का कागजात, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर देना होगा। साथ ही किसान को झारखंड का स्थायी निवासी होना है। 10 डिसमिल से पांच एकड़ भूमि पर खेती करना होगा।

तीन स्तर पर होगी निगरानी

मोटे अनाज की खेती करनेवाले किसानाें की निगारनी तीन स्तर से की जाएगी। इसमें मिलेट गावर्निंग कौंसिल, राज्य कार्यकारी समिति और जिला मिलेट मिशन समिति है। किसानों को अनुमाेदन कृषि पदाधिकारी की अनुसंशा के बाद उपायुक्त करेंगे। इसके बाद जिले के किसानों की सूची बनाई जाएगी।

सर्वेक्षण के बाद चुनें जाएंगे उत्कृष्ट किसान

जिला स्तर पर मोटे अनाज की खेती करनेवाले किसानों के रजिस्टेशन के बाद उनकी खेत व फसल का सर्वेक्षण किया जाएगा। यह कार्य मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा। एक सितंबर से 15 नवंबर तक एटीएम, बीडीएम, कृषक मित्र जनसेवक फसल का सर्वे करेंगे। उनकी रिपोर्ट के बाद उत्कृष्ट किसानों को चयन किया जाएगा। इनकी सूची राज्य भेजी जाएगी। इस कार्य के लिए सर्वेक्षक को प्रति विजिट 10 रुपये मानदेय दिया जाएगा।

मिलेट बीज बैंक और कैफेटेरिया को होगा निर्माण

सरकार सौ प्रतिशत अनुदान पर मिलेट बीज बैंक और कैफेटेरिया का निर्माण कराएगी। इसके लिए सीएचजी और एफपीओ के माध्यम से आवेदन करना पड़ेगा। डीएओ से अनुमोदन मिलने के बाद बीज बैंक की सूची वेब पोर्टल पर दिखेगा। यहां से किसान बीज प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसका एक मात्र उद्देश्य विलुप्त हो रहे मोटे आनाज को फिर से लोगों के बीच में लाना है।

क्या बोले कृषि पदाधिकारी

मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने की यह पहल की गई है। किसान मडुआ की खेती कर पोर्टल पर खुद रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एक एकड़ पर तीन हजार प्रोत्साहन राशि मिलेगी। राज्य में बेहतर खेती करनेवाले 10 किसानों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्हें 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस वर्ष अगस्त से यह मिशन प्रभावी होगा।-लव कुमार, कृषि पदाधिकारी, जामताड़ा

ये भी पढ़ें- 

Swachh Bharat Mission : आपके घर में भी नहीं है शौचालय? फटाफट यहां करें आवेदन, तुरंत मिलेगा लाभ

Jharkhand Crime: IDBI के मैनेजर ने ठगे 35 लाख रुपये, FIR दर्ज; ऐसे हुआ मामले का खुलासा

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें