Move to Jagran APP

Jamtara Seat Result 2024: हेमंत की भाभी हार रहीं चुनाव! 17000 वोटों से पीछे; अंसारी ने कर दिया 'खेल'

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 (Jharkhand Election 2024) में सीता सोरेन (Sita Soren) की जामताड़ा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हैं। हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने इस बार बीजेपी से चुनाव लड़ रही हैं। जामताड़ा सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के इरफान अंसारी से है। जानिए सीता सोरेन के बारे में और जामताड़ा सीट के इतिहास के बारे में।

By Rajat Mourya Edited By: Rajat Mourya Updated: Sat, 23 Nov 2024 11:23 AM (IST)
Hero Image
जामताड़ा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सीता सोरेन। जागरण ग्राफिक्स
डिजिटल डेस्क, रांची/जामताड़ा। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Election 2024) के नतीजे कुछ ही देर में सामने आने वाले हैं। हालांकि, परिणाम आने से पहले ही राज्य की जामताड़ा सीट (Jamtara Seat Result 2024) लगातार चर्चा में बनी हुई है। दरअसल, यहां से सीता सोरेन चुनाव लड़ रही हैं। सीता सोरेन, जो हेमंत सोरेन की भाभी हैं, ने इस बार अपना पाला बदल लिया। वह भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर जामताड़ा से ताल ठोक रहीं हैं।

वहीं, नतीजों से पहले लगातार रुझान सामने आ रहे हैं। चौथे चरण की गिनती तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक अब तक कांग्रेस के इरफान अंसारी 31736 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं। वहीं, सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली भाजपा की सीता सोरेन 17241 मतों के साथ पिछड़ती नजर आ रही हैं। 

जामताड़ा सीट के बारे में जानने से पहले आपको सीता सोरेन के बारे में बताते हैं। सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू और दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। वह पिछले चुनाव में JMM की टिकट पर जामा से चुनाव जीती थीं। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनका JMM से मोहभंग हो गया और वह बीजेपी में चलीं गईं।

2009 में पहली बार विधायक बनीं सीता सोरेन

बता दें कि सीता सोरेन सबसे पहले साल 2009 में विधायक चुनीं गईं थीं। विधायक बनने के बाद सीता सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा में अहम पद मिला। उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्ति किया गया। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में सीता सोरेन ने फिर से जामा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। वहीं, 2019 में सीता सोरेन ने जामा से जीत की हैट्रिक लगाई।

2024 में छोड़ी JMM, बीजेपी में ली एंट्री

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीता सोरेन ने झामुमो पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया। इसी के साथ, पार्टी के सभी पदों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। बीजेपी में एंट्री लेते ही उनकी सीट बदल गई। वह इस बार जामा नहीं, जामताड़ा से चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी से है।

जामताड़ा सीट का हाल

बता दें कि जामताड़ा सीट पर शहरी इलाकों में काफी कम मतदान हुआ है। कुछ पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि शहरी क्षेत्र में मतदाताओं की उदासीनता भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में पहली बार 2005 में चुनाव कराए गए थे। तब यहां से भाजपा के बिष्‍णु प्रसाद भैया ने कांग्रेस के इरफान अंसारी को हराया और विधायक बने। 2009 के चुनाव में बिष्‍णु प्रसाद दोबारा विधायक चुने गए।

2009 में ही हुए उपचुनाव में झामुमो ने भाजपा के हाथ से यह सीट छीन ली और यहां से दिग्‍गज नेता शिबू सोरेन विधायक चुने गए। 2014 के चुनाव में कांग्रेस के इरफान अंसारी को जनता ने जिताकर विधायक बनाया। 2019 में इरफान अंसारी ने फिर से इस सीट पर चुनाव लड़ा और दोबारा जीत हासिल की।

ये भी पढ़ें- Gandey Vidhan Sabha Seat: 'एक रहोगे तो सेफ रहोगे' ने गांडेय सीट पर कर दी सीधी टक्कर, मुनिया देवी का क्या होगा?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।