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Jamtara News: पुलिस के हाथ लगी कामयाबी! तीन साइबर अपराधी आए गिरफ्त में... लोगाें से की थी लाखों की ठगी

तीन साइबर ठगों को जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है और ये तीनों आरोपितों ने महाराष्ट्र व कर्नाटक के आठ लोगों से नौ लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। आरोपित लोगों को बकाया बिजली बिल भुगतान ना करने पर कनेक्शन काटने और बैंक अधिकारी बनकर डेबिट कार्ड व डेबिट कार्ड केवाईसी अपडेट के नाम पर अपने झांसे में लेकर वारदात को अंजाम देते थे।

By Kaushal Kumar Singh Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 03 Mar 2024 06:54 PM (IST)
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साइबर ठगों के बारे में जानकारी देते साइबर डीएसपी मजरूल होदा व इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। Three Cyber Accused Arrested By Jamtara Cyber Police: महाराष्ट्र व कर्नाटक के आठ लोगों से नौ लाख रुपये की ठगी कर चुके तीन साइबर ठगों को जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने दबोचा है। पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर लोगों को बकाया बिजली बिल भुगतान ना करने पर कनेक्शन काटने और बैंक अधिकारी बनकर डेबिट कार्ड व डेबिट कार्ड केवाईसी अपडेट के नाम पर झांसे में लेते थे।

फिर इनकी बातों में आने वालों लोगों को ये शातिर अपनी ठगी का शिकार बनाते थे। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपित करमाटांड़ थाना क्षेत्र के तेलकियारी का रहने वाला महेन्द्र यादव, सुनील यादव और इसी थाना क्षेत्र के मुरलीडीह का रहने वाला विशाल कुमार मंडल है।

साइबर डीएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

इस बात की जानकारी साइबर डीएसपी मजरूल होदा रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। होदा ने बताया कि आरोपितों के पास से छापेमारी के दौरान 11 मोबाइल, 13 सिम कार्ड, एक आधार कार्ड और एक बाइक जब्त किया गया है। सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।

साइबर डीएसपी ने बताया कि इन शातिरों ने महाराष्ट्र के अकील अब्बास, ऐजाजुद्दीन, अश्विनी पासी, पंकज रामनाथ, रूपाली, विजय दत्तात्रेय भावे, अजीज कातिब और कर्नाटक का उमंग कुमार इन शातिरों की ठगी के शिकार बने हैं। इन सबसे कुल नौ लाख रुपये की ठगी मिली है।

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ऐसे कर रहे थे ठगी

साइबर डीएसपी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि सभी शातिर बंगाल से अवैध तरीके से लिए गए फर्जी सिम कार्ड के जरिए लोगों को कॉल कर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे थे। इनके पास मिले मोबाइल भी किसी और के नाम से खरीदे गए हैं।

पुलिस की टैक्निकल सेल इन मोबाइलों की जांच कर रही है। ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि ये मोबाइल किसके नाम से खरीदे गए हैं और साइबर अपराध में उनकी भूमिका क्या है।

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