ईडी ने जामताड़ा जिले के 30 से ज्यादा करोड़पति साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इस संबध में ईडी को पुलिस ने इन आपराधियों के नाम के साथ इनके आपराधिक ब्योरे की जानकारी की सूची कार्रवाई के लिए भेज दी है। बता दें कि अब तक इन अपराधियों ने साइबर फ्रॉड के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्ति अब तक अर्जित की है।
जागरण, संवाददाता, जामताड़ा। जामताड़ा जिले के अब 30 से ज्यादा करोड़पति साइबर अपराधी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के निशाने पर होंगे। इनमें अधिकतर करमाटांड़ और नारायणपुर थाना क्षेत्र के हैं।
पुलिस ने ईडी को इन शातिरों के नाम व इनके आपराधिक ब्योरे के साथ कार्रवाई के लिए सूची भेजी है। इन्हें जामताड़ा साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत मिलते ही फिर ठगी शुरू कर दी।सीआईडी भी इनकी संपत्ति का आकलन कर रही है। इन अपराधियों ने 50 लाख से लेकर करोड़ों रुपये की संपत्ति अबतक अर्जित की है। इन धोखेबाजों की संपत्ति भी जब्त होगी।
66 लाख की संपत्ति ईडी ने की थी जब्त
इससे पहले जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस की रिपोर्ट पर 2018 में मामला दर्ज करते हुए ईडी ने 2021 में जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के प्रदीप मंडल और उसके करीबियों की 66 लाख की संपत्ति ईडी जब्त की थी।हाल में ही ईडी की विशेष अदालत ने प्रदीप मंडल समेत पांच लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सजा सुनाई है। लेकिन अब इनकी लिस्ट और भी लंबी होने जा रही है। जामताड़ा पुलिस की ओर से ईडी को भेजी जानी वाली सूची में पुलिस ने इससे संबंधित अपराधियों का ब्योरा भी ईडी को सौंपी है।
इससे पहले भी ईडी जामताड़ा के एक और देवघर के एक साइबर ठग की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई कर चुकी है। लेकिन अब जामताड़ा पुलिस महकमे की ओर नई लिस्ट जारी होते ही 30 से भी ज्यादा शातिर ईडी की रडार पर होंगे।
देशभर के थानों में दर्ज हैं इन शातिरों के खिलाफ मामले
बता दें कि जामताड़ा के साइबर ठग देश के विभिन्न हिस्सों में ठगी की घटना को अंजाम देते रहे हैं। इस कारण यहां के साइबर अपराधी देशभर की पुलिस के निशाने पर रहते हैं। कार्रवाई और छापेमारी के क्रम में पुलिस को ठगों की अकूत संपत्ति का भी पता चला है।
ऐसे में 50 लाख से अधिक संपत्ति वाले ठगों की सूची ईडी को भेजी जा रही है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के तहत उनपर कार्रवाई की जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कई ठगों की संपत्ति करोड़ों में है। ईडी कभी भी ऐसी अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई कर सकती है।जिन ठगों के नाम ईडी को भेजी जानी वाली रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं वे साइबर अपराध से 50 लाख या उससे कई गुना अधिक संपत्ति बना चुके हैं। इनकी चल-अचल संपत्तियों का आकलन संबंधित प्रखंड क्षेत्र के सीओ से तैयार कराया गया है, जिससे कुल संपत्ति का सही पता चल सके।
क्रिप्टो करेंसी में खपाए जा रहे साइबर ठगी के पैसे
इस बात पहले पता चल चुका है कि जामताड़ा के कुछ साइबर ठग अपनी काली कमाई क्रिप्टो करेंसी में बदल रहे हैं। यहां के अपराधियों ने अपनी पहुंच करीब 30 देशों में बना रखी है। वहां ये खुद जाकर, रहकर या फिर एजेंट के माध्यम से अपने पैसों ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहे हैं, उनको क्रिप्टो करेंसी में बदल रहे हैं।कुछ साल में ही करोंड़ों की रकम जामताड़ा के साइबर ठग क्रिप्टो में खपा चुके हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन शातिरों ने कुछ साल पहले अपना ठिकाना दिल्ली समेत देश के तमाम बड़े शहरों में बनाया। फिर वहां से इन्होंने आस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका के घाना, नाइजीरिया समेत कई देशों तक अपने तार जोड़ लिए।
वहां साइबर ठगी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलते हैं। दरअसल इंडियन एटीएम व अन्य कार्ड थ्री डी वर्जन के हैं। इससे आप पैसे ट्रांसफर आसानी कर सकते हैं, लेकिन वापसी के लिए क्लेम मुश्किल है।
टैक्निकल एवीडेंस के आधार निशाने पर लेगी पुलिस
इसी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी रकम को विदेश में बैठे अपने रैकेट से जुड़े लोगों तक आसानी से ऑनलाइन शॉपिंग व अन्य कामों में लगा रहे। विदेश में बैठा वह व्यक्ति इस रकम को अन्य मुद्रा में बदलकर भारत में बैठे अपने एजेंट को भेजता है या फिर से क्रिप्टो करेंसी में लगा देता है।
टैक्निकल एवीडेंस के आधार पर पुलिस अब ऐसे करोड़पति साइबर ठगों को भी निशाने पर लेने की तैयारी में है। ताकि इनके नाम ईडी को भेजी जानी वाली सूची में शामिल किए जा सकें।
क्या बोले जामताड़ा के एसएसपी?
जामताड़ा के एसपी अनिमेष नैथानी ने कहा कि जामताड़ा के कई गांव ऐसे हैं जो साइबर अपराध से ज्यादा प्रभावित हैं। विभागीय स्तर पर साइबर अपराध से जुड़े ऐसे गांवों व बड़े अपराधियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। ताकि ठगी के जरिए इनके द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों का ब्योरा ईडी को सौंपा जाएगा।
अभी इनकी संख्या और भी बढ़ सकती है। कार्रवाई के अलावा विभागीय स्तर पर इन गांवों में कई स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाए जाने की तैयारी है।ताकि लोग साइबर अपराध के दुष्परिणामों को समझ कर ऐसे अपराध में शामिल होने से बचें। लगातार हुई कार्रवाई व कुछ हद तक सोशल अवेयनेस की वजह से पिछले कुछ महीनों में जामताड़ा में साइबर अपराध का ग्राफ काफी गिरा है।
ये भी पढे़ं-
Ranchi Land Scam: जमीन माफिया कमलेश की 14 दिनों की रिमांड पूरी, अदालत ने अगले आदेश तक भेजा जेलSahibganj News: बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर प्रशासन सख्त, घुसपैठियों की सूचना देने को हेल्पलाइन नंबर होगा जारी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।