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Makar Sankranti 2024: झारखंड में मकर संक्रांति की धूम, लोग नदी में पवित्र डुबकी लगाकर सूरज को दे रहे अर्घ्‍य, देखें तस्‍वीरें

मकर संक्रांति का पर्व आज मनाया जा रहा है। जामताड़ा के शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में भी इसकी धूम है। इस दौरान लोग नदी में पवित्र स्‍नान कर सूर्य को अर्घ्‍य दे रहे हैं। पर्व पर प्रसिद्ध तिल निर्मित सामग्री से बाजार गर्म है। दुकानों में 200 से 400 रुपये किलो बिकने को तिलकुट उपलब्ध है। लोग अपनी पसंद का तिलकुट खरीद रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 15 Jan 2024 10:40 AM (IST)
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मकर संक्रांति के पर्व में नदी में पुण्‍य स्‍नान करते लोग।

संवाद सहयोगी, जामताड़ा। मकर संक्रांति का त्योहार जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को मनाया जाएगा। मकर स्नान के लिए लोगों ने पूरी तैयारी की है। इस पर्व पर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तिल निर्मित सामग्री से जामताड़ा बाजार ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के चौक चौराहों पर स्थित दुकानें सजी हैं। दुकानों में 200 से 400 रुपये किलो बिकने को तिलकुट उपलब्ध है। लोग अपनी पसंद का तिलकुट खरीद रहे हैं।

डेयरी उत्‍पादों की भी बढ़ी मांग

दही के लिए दूध की मांग काफी तेज है। स्थानीय स्तर पर दूध उत्पादन काफी कम है जो यहां के आम जरूरतों को ही पूरा नहीं कर पाती हैं। दही के लिए लोग विभिन्न कंपनी के दूध पर ही निर्भर हैं।

दूध विक्रेता के पास लोग पहले से ही अपने आर्डर बुक करवा चुके हैं। इसके मद्देनजर आम दिन की अपेक्षा पांच गुणा ज्यादा दूध की मांग है।

रविवार को मछली का बाजार रहा गरम

मकर संक्रांति से पूर्व यानी रविवार को जामताड़ा शहर में मछली का बाजार गर्म दिखा। दरअसल, बंगाली और आदिवासी समुदाय के साथ समस्त संताल क्षेत्र में मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मछली की बहुत मांग रहती है।

सभी समुदाय के लोग इस दिन मछली का सेवन करना शुभ मानते हैं। इस कारण रविवार को अहले सुबह से ही हाट बाजार में मछली की भारी तादाद दिखाई दी। विभिन्न किस्म के मछलियों से बाजार अटा हुआ दिखाई दिया।

भारी संख्या में लोग भी अपने पसंद की मछली खरीदने में व्यस्त दिखाई दिए। मछली की मांग बढ़ने के कारण मछली के भाव में भी अचानक से उछाल दिखाई दी।

150 से 200 रुपये किलो बिकनेवाली मछली 350 से 450 रुपये किलो बिकी। बंगाली समाज में जहां हिल्सा और पंपलेट जैसी मछलियों की मांग बढ़ती है, वहीं आम लोग रोहू, कतला, पोठी समेत स्थानीय मछलियों की मांग करते हैं।

मकर संक्रांति के दिन लोग खाने में करते हैं इस्‍तेमाल

सोहराय के चौथे दिन रविवार को आदिवासी समुदाय में भी मछली की भारी मांग होती है। इस दिन हर घर में मछली बनाया जाता है। जिसे आज नहीं खाया जाएगा, बल्कि मकर संक्रांति के दिन लोग इसका खाने में इस्तेमाल करेंगे।

कड़ाके की सर्दी के बावजूद लोगों में मकर संक्रांति को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि ठंड और कोहरे के बीच भी लोग हाट बाजार में अपनी जरूरत के सामान लेते दिखाई दिए।

नदी में डुबकी लगाकर लोग कर रहे पवित्र स्‍नान

जामताड़ा शहर से नजदीक जामताड़ा दुमका मार्ग में अजय नदी के सतसाल घाट पर मकर मेला भी लगता है। इस दो दिवसीय मेले में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोग काफी संख्या में पहुंचते हैं।

दो दिवसीय मेला सोमवार व मंगलवार को लगेगा। इस दौरान महिला पुरुष युवक-युवती बच्चे नदी में डुबकी लगाकर यहां स्थित शिवमंदिर में पूजा करते हैं फिर मेले का आनंद उठाते हैं।

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