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मैदान में क्रिकेट मैच देख रहे थे लोग, अचानक आई पुलिस को देखकर भागने लगे; फिर जो हुआ...

आरोपितों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है। इनलोगों के पास से मिल नंबर से जानकारी इकट्ठा की गई तो नंबर बिहार और बंगाल के मिले। इन लोगों से छोटी-छोटी राशि ठगी गई थी। इस कारण किसी भी थाने में शिकायत नहीं की गई। यह जानकारी शनिवार को पुलिस अधीक्षक अनिमेष नैथानी ने साइबर थाना में आयोजित प्रेसवार्ता में दी है।

By Antim Chaudhari Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 20 Jan 2024 06:05 PM (IST)
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मैदान में क्रिकेट मैच देख रहे थे लोग, अचानक आई पुलिस को देखकर भागने लगे; फिर जो हुआ...
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। जामताड़ा साइबर थाना पुलिस ने मिहिजाम के बागजोरी व पिपला गांव में छापामारी कर 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों के पास से 20 मोबाइल, 31 सिमकार्ड, एक लैपटॉप, दो बाइक और एक वाई-फाई डोंगल जब्त किया है। इसमें दो आरोपित सगा भाई है।

साथ ही एक आरोपित के मोबाइल से अबतक ठगी के शिकार बनाए गए 68 लोगों के मोबइल नंबर मिले हैं। यह जानकारी शनिवार को पुलिस अधीक्षक अनिमेष नैथानी ने साइबर थाना में आयोजित प्रेसवार्ता में दी है।

उन्होंने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है। इनलोगों के पास से मिल नंबर से जानकारी इकट्ठा की गई तो नंबर बिहार और बंगाल के मिले। इन लोगों से छोटी-छोटी राशि ठगी गई थी। इस कारण किसी भी थाने में शिकायत नहीं की गई।

सभी छह से सात की टोली बनकार एक साथ ठगी को अंजाम दे रहे थे। मिहिजाम में क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा था। इस दौरान ऐसी कई टोली देखी गई। कई को पकड़ा तो कई पुलिस को देखकर भागने लगे। दो किलामीटर दौड़ा कर सभी को पकड़ा गया।

आरोपितों में मिहिजाम थाना क्षेत्र के जियाजोरी निवासी 23 वर्षीय मुन्ना अंसारी, 31 वर्षीय फिरोज अंसारी, 19 वर्षीय सुलतान अंसारी, 28 वर्षीय अमीर अंसारी, 20 वर्षीय मेहबुब अंसारी, पिपला निवासी 21 वर्षीय रहीम अंसारी, 20 वर्षीय इमरान अंसारी, 24 वर्षीय जमाल अंसारी, बिंदापाथर थाना क्षेत्र के खैरा निवासी 19 वर्षीय इमरान अंसारी, करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सतुआटांड़ निवासी 30 वर्षीय जावेद अख्तर है।

क्यूआर कोड भेजकर उड़ा रहे थे पैसे

एसपी ने बताया कि सभी फोनपे पर एक हजार रुपये का कैस बैक आने का नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। पहले क्यूबआर कोड भेजकर लोगों को फंसाते थे। इसके अलावा ई-कॉमर्स, ईपेमेंट, उपभोक्ता सामग्री कंपनियों के ग्राहक टोल फ्री में अपना फर्जी मोबाइल नंबर डालकर लोगों को ठगते थे।

अपराधियों ने ठगी का तरीका बदला

एसपी ने बताया कि इस बार पकड़े गए आरोपितों ने ठगी का तरीका बदला है। 70, 150 और नौ हजार रुपये तक ठगी करने के साक्ष्य मिले है। इससे पता चलाता है कि इन लोगों ने ठगी का तरीका बदला लिया है। साथ ही रकम छोटी होने से लोग थाना नहीं जाना चाहते है। इसके लिए सभी ठगी के शिकार लोगों से बता करेंगे और उन्हें अपने थाना में एफआइआर करने को प्रेरित करेंगे ताकि आरोपित पकड़ा जाए।

छापेमारी दल में पुलिस उपाधीक्षक मंजरूल होदा, थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह, नागेश्वर साव, राजनिश आनंद, संयज मिश्रा, अभय मिश्रा, विष्णु मांझी, सतीश मुर्मू आदि थे।

लालकार्ड रद्द करने का करेंगे कार्रवाई

एसपी ने बताया कि पिछले दिनों दो लाख नकद के साथ एक साइबर ठग पकड़ाया था। उसके पास से लालकार्ड मिला था। ऐसे लोगों के लाल कार्ड को रद्द करने के लिए लिखेंगे। साथ ही ईडी को कार्रवाई के लिए लिखने के लिए साइबर डीएसपी के ऐसे लोगों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है ताकि इतनी बड़ी रकम मिलने वाले लालकार्ड धारी नहीं हो सकते है। पुलिस साइबर अपराध रोकने का काम करेगी।

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