Jharkhand Elections 2024: उम्मीदवारों के एलान के बाद भाजपा को एक और बड़ा झटका, पूर्व मंत्री ने मरांडी को भेजा इस्तीफा
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व कृषि मंत्री और नाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सत्यानंद झा बाटुल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है। बाटुल ने भाजपा पर दलबदलू नेता को टिकट देने और कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। Jharkhand Assembly Elections 2024 भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सूची जारी होने के बाद से टिकट की आस में बैठे कई नेता अब नाराज चल रहे हैं। इन्हीं में से एक राज्य के पूर्व कृषि मंत्री और नाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सत्यानंद झा बाटुल भी शामिल हैं।
सत्यानंद झा बाटुल ने सोमवार को जामताड़ा कोर्ट परिसर में प्रदेश अध्यक्ष को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा भेज दिया है। साथ ही, नाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। एक-दो दिन में बता देंगे कि किस पार्टी से चुनाव लड़ना है। अगर टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही मैदान में आएंगे।
दलबदलू नेता को टिकट देने का लगाया आरोप
उन्होंने पत्रकारों से बताया कि मैं माधव चंद्र महतो को टिकट देने से नाराज नहीं हूं, बल्कि पार्टी की नीतियों व गलत कार्यकलाप से नाराज हूं।
उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में दशकों से पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता नाला में मौजूद हैं। इसके बावजूद, पार्टी ने एक ऐसे शख्स को टिकट दिया है, जिसे ना तो दल बदलने में देरी लगती है और ना ही विश्वासघात करने में। वह दलबदलू नेता है। उसी के कारण पिछले चुनाव में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था।
कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि पार्टी को अगर मुझे टिकट नहीं देना था तो कम से कम ऐसे कार्यकर्ता को टिकट मिलनी चाहिए, जो कई दशक से पार्टी का झंडा ढो रहे हैं। पार्टी के लिए समर्पित हैं तथा उनकी क्षमता विधायक बनने की है, परंतु पार्टी ने इन सभी मुद्दों को दरकिनार कर दिया।
बाटुल झा ने कहा कि अपने समर्थकों और विधानसभा क्षेत्र की जनता से विचार-विमर्श करने के बाद आगे का निर्णय लूंगा। समर्थक और कार्यकर्ता जो चाहेंगे उसी हिसाब से आगे की रणनीति तय होगी।
उन्होंने कहा कि अपने इस गलत नीति के वजह से भारतीय जनता पार्टी पूरे संथाल परगना क्षेत्र में बहुत ही दुर्गति की ओर बढ़ रही है।
निष्कासन अवधि से पहले ही पार्टी का टिकट थमाया
बाटूल ने कहा कि 2019 की चुनाव के बाद माधवचंद महतो को भाजपा ने छह वर्ष के लिए निष्कासित किया था। बावजूद साढे चार साल में ही उसे पार्टी में शामिल कर दिया। इससे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता नाराज है। उसे दलबदलू कहें तो गलत नहीं होगा।
उन्होंने दावा किया कि यहां भाजपा की हार तय है। भाजपा में केवल मोदीजी पार्टी छोड़ दें तो मैं दावा करता हूं कि आधी भाजपा बिखर जाएगी। पार्टी की नीति ठीक नहीं है। इसकारण कई नेता नाराज है। इसका असर चुनाव में देखने का मिलेगा।
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