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मिहिजाम: एक डॉक्‍टर के भरोसे एक लाख की आबादी, 2.36 करोड़ से बने अस्‍पताल के उद्घाटन का लोगों को इंतजार

मिहिजाम हांसीपहाड़ी इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है लेकिन यहां के लोगों के इलाज की जिम्‍मेदारी सिर्फ एक डॉक्‍टर के ऊपर है क्‍योंकि डाक्टरों की बहाली के नाम पर यहां मात्र एक डाक्टर अजय कुमार को नियुक्त किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Sun, 11 Dec 2022 01:16 PM (IST)
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मिहिजाम में एक डॉक्‍टर के भरोसे एक लाख की आबादी

संवाद सूत्र, मिहिजाम (जामताड़ा)। जामताड़ा जिला मुख्यालय (Jamtara District Headquarter) से तकरीबन 15 किमी की दूरी पर स्थित मिहिजाम हांसीपहाड़ी (Mihijam Hansipahadi) इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है। लेकिन पश्चिम बंगाल की सीमा के मुख्य द्वार और रेल नगरी चित्तरंजन से सटे इस क्षेत्र की एक लाख की आबादी इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही निर्भर है। यहां के लोगों के लिए चिकित्‍सकीय सुविधा के इंतजाम का आलम यह है कि मात्र एक डाक्टर के भरोसे ही पूरी आबादी के इलाज का जिम्मा है। बेहतर सुविधा देने के नाम पर पास ही हांसीपहाड़ी में 2.36 करोड़ की लागत से सारी सुविधाओं से लैस अस्पताल का भव्य भवन बनकर तो साल भर से तैयार है, लेकिन इसके उद्घाटन का यहां की जनता को इंतजार है।

एनएनएम व पारा नर्स के भरोसे चल रहा काम

डाक्टरों की बहाली के नाम पर यहां मात्र एक डाक्टर अजय कुमार को नियुक्त किया गया है। जबकि, इस केंद्र में दो एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) के अलावा दर्जन भर पारा नर्स को प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया है। लेकिन वे भी टीकाकरण, विभिन्न सर्वे व अन्य कार्य से केंद्र के बाहर ही रहती हैं।

पीएचसी (Primary Health Center) में ना तो ड्रेसर है, ना ही वार्ड ब्वाय और ना ही नाइट गार्ड। केंद्र में प्रसव के लिए पहुंचने वाली प्रसूताओं व हादसे में जख्मी हुए लोगों को ही भर्ती किया जाता है। यहां ज्यादा तबीयत बिगड़ी तो तत्काल ही रेफर कर अपर हेल्थ सेंटर भेजना मुनासिब समझा जाता है।

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हांसीपहाड़ी में निर्मित अस्पताल बना चोरों का अड्डा

विभाग ने संचालित स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा देने के बजाय नगर के हांसीपहाड़ी में 2.36 करोड़ रुपये खर्च कर 50 बेड वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनवा दिया। इसके साथ पीएसएए प्लांट भी यहां स्थापित किया गया। लेकिन बनने के सालभर गुजर जाने के बाद भी पीएचसी उद्घाटन की बाट जोह रहा है। नवनिर्मित पीएचसी में आक्सीजन पाइप को विभिन्न वार्ड में पहुंचाने कार्य किया गया है।

बैट्री, जेनरेटर, मोटर पंप के साथ कई बेड की भी व्यवस्था की गई, लेकिन नवनिर्मित पीएचसी के उद्घाटन ना होने से यह वीरान पड़ा रहता है। आए दिन ही यहां चोरी होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कुछ अरसे पहले ही यहां लगी बैट्री व आक्सीजन पाइप चोर उठा ले गए। देखभाल के अभाव में पीएचसी परिसर में जंगल झाड़ उग आए हैं और लोहे के मुख्य गेट पर जंक लगना प्रारंभ हो चुका है।

क्या कहते हैं पीएचसी प्रभारी

पीएचसी प्रभारी डाक्टर अजय कुमार ने बताया कि केंद्र पर प्रर्याप्त दवा उपलब्ध है, प्रसव भी प्राय: होती है। लेकिन कर्मी की कमी रहने से काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। केंद्र पर चिकित्सक के अभाव के कारण सारा बोझ एक व्यक्ति पर रहता है। क्षेत्र की आबादी भी ज्यादा है। केंद्र में सफाई कर्मी, ड्रेसर व नाइट गार्ड की आवश्यकता है।

गांववालों ने स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा को लेकर की शिकायत

इसे लेकर गांव में ही रहने वाले वरुण कुमार का कहना है, 'इलाज के लिए रोगी गांव से किसी तरह मिहिजाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं। समय पर चिकित्सक नहीं मिलने पर गरीब परिवार के लोगों को निजी नर्सिंग होम में इलाज कराना पड़ता है। विभाग को चिकित्सक के साथ एएनएम, सफाई कर्मी व एक ड्रेसर की व्यवस्था करनी चाहिए।'

इसी तरह से मिहिजाम निवासी जितेंद्र कुमार का कहना है, 'स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र केवल पहचान बन कर रह गई है। चिकित्सक की कमी से मरीज काफी परेशान रहते हैं। विभाग को इस पर पहल करते हुए कम से कम चार चिकित्सकों को नियुक्त करना चाहिए।'

गांव के रहने वाले संजय कुमार का कहना है कि आबादी के अनुसार उपयुक्त चिकित्सकों का होना जरूरी है। तत्काल दो चिकित्सक तो अनिवार्य हैं। लेकिन इस समस्या पर ना ही जिला प्रशासन का ध्यान है और ना ही विभाग ने इस पर कोई पहल की है।

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