Railway News: और तेज चलेगी Vande Bharat Express, अब सिर्फ 55 सेकेंड्स में पकड़ लेगी इतनी रफ्तार
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अब नए स्वरूप में नजर आएगी। अब इसकी रफ्तार और बढ़ने की संभावनाएं है क्योंकि अब इस ट्रेन में दो इंजन लगे होंगे। दो इंजन लगे होने की वजह से रफ्तार में बढोत्तरी तो होगी ही साथ ही इंजन बदलने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। इससे समय की बचत होगी। वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा है।
कौशल सिंह, जामताड़ा। अपनी तेज गति और आधुनिक सुविधाओं के कारण यात्रियों की पसंद बन रही वंदे भारत ट्रेन अब नए स्वरूप में नजर आएगी। वंदे भारत ट्रेन के लिए दो जोड़े इंजन इन दिनों चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना में तैयार हो रहे हैं।
नए वंदे भारत ट्रेन में दो इंजन लगे होंगे। इससे इसकी गति में वृद्धि होगी। साथ ही इंजन बदलने में लगने वाले समय की बचत भी होगी। चिरेका प्रबंधन के अनुसार, इंजन का काम करीब 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
वंदे भारत मौजूदा समय में भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में से एक है। यह अधिकतम 180 की रफ्तार से दौड़ सकती है।
वंदे भारत ट्रेन के इंजन की खासियत यह है कि यह ट्रेन 100 किलोमीटर की रफ्तार केवल 54.6 सेकेंड्स में ही पकड़ सकती है। साथ ही अपनी अधिकतम रफ्तार तक केवल 145 सेकेंड्स में पहुंच सकती है।
ड्राइविंग सीट को किया गया है माडिफाई
डबल इंजन से चलने वाली नई वंदे भारत ट्रेनों की ड्राइविंग सीट को पहले से और बेहर व सुविधाओं से लैस किया गया है। 24 एलएचबी यात्री कोचों के साथ पुश-पुल कॉन्फिगरेशन में संचालित करने में ये अत्याधुनिक इंजन पहले से ज्यादा सक्षम होंगे।
चिरेका के तकनीकि विभाग की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह ट्रेन 100 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया गया है। वर्तमान में भारत की ट्रेनों में इंजन का एक अलग से कोच होता है, लेकिन वंदे भारत ट्रेन को एकीकृत इंजन प्रणाली से तैयार किया गया है।
साथ ही अब इसमें डबल इंजन लग जाने से इसकी खासियत और भी बढ़ जाएगी। ट्रेन में ऑटोमेटिक दरवाजे लगे हैं जो कि मेट्रो के जैसे ही इनके दरवाजे ऑटोमेटिक खुलते और बंद होते हैं। कई आधुनिक सुविधाओं से ट्रेन लैस हैं और सभी कोच वातानुकुलित हैं। इसके स्टिंग चेयर्स 360 डिग्री तक घूम सकते हैं।
नवंबर के पहले हफ्ते तक बनकर तैयार हो जाएगा एक जोड़ी इंजन
चिरेका के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमित अग्रवाल ने बताया कि अबतक एक जोड़ी इंजन के 80 फीसदी हिस्से तैयार किए जा चुके हैं। उम्मीद है कि नवंबर के पहले हफ्ते तक वंदे भारत ट्रेन के लिए एक जोड़ी इंजन बनकर तैयार हो जाएगा।
इंजन तैयार होने के बाद इसे इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) को भेजा जाएगा, जहां से इसे अपनी सुविधाओं के अनुसार, वंदे भारत के लिए इनका इस्तेमाल कर सकेगा। चिरेका में फिलहाल वंदे भारत के लिए दो जोड़ी इंजन तैयार किए जा रहे हैं।
चिरेका में वंदे भारत के दो जोड़ी इंजनों को बनाने का काम काफी तेजी से चल रहा है। इंजन बनाने के लिए पूरी तरह से उन्नत स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें ड्राइविंग सीट व इंजन में पहले तक दे जानी वाली सुविधाओं को भी परिवर्तित किया गया है ताकि खामियों को दुरूस्त किया जा सके। यह इंजन ड्राइवर के लिए सभी सुविधाओं से लैस होगा। नवंबर के पहले हफ्ते तक एक जोड़ी इंजन बनकर तैयार हो जाएगा।- अमित अग्रवाल, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, चिरेका
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