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Jharkhand Election 2024: हैलो! मोय हेमंत, भोट नइ देवेक है का? चुनाव में वायरल हुआ वोटर्स को जागरूक करने का तरीका

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं को जागरूक करने का एक अनोखा तरीका वायरल हो रहा है। खूंटी विधानसभा क्षेत्र के मुरहू प्रखंड के बूथ नंबर 239 के मतदाताओं को सुबह हेमंत का फोन आया। हेमंत ने उनसे कहा हैलो! मोय हेमंत भोट नइ देवेक है का? वोट नहीं देना है क्या लोगों को हेमंत के जागरुक करने का ये तरीका खूब पसंद आ रहा है।

By Divya Agnihotri Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 14 Nov 2024 04:41 PM (IST)
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झारखंड में मतदाताओं को जागरुक करने का अनोखा तरीका
शिवेंद्र नाथ तिवारी, खूंटी। हैलो, हां जी, मोय हेमंत, भोट नइ देवेक है का? खूंटी विधानसभा क्षेत्र के मुरहू प्रखंड के बूथ नंबर 239 के एक मतदाता को सुबह हेमंत का फोन आया। कहा कि वोट नहीं देना है क्या। लाइन में लगे मतदाताओं में से एक हेमंत कुमार, फोन पर अपने दोस्तों को वोट के लिए ऐसे ही जागरूक कर रहे थे। यह बूथ मुरहू प्रखंड में आता है। वर्तमान में मुरहू के माहिल गांव से आने वाले नीलकंठ सिंह मुंडा इस सीट से विधायक हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव का हाल

साल 2019 के विधानसभा चुनाव में खूंटी विधानसभा क्षेत्र के मुरहू प्रखंड के बूथ नंबर 239 में 656 वैलिड वोट पड़े थे। इसमें से सर्वाधिक 465 वोट मौजूदा खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को मिले थे। हालांकि, इस बार बूथ में काफी सन्नाटा दिखाई दिया। सुबह-सुबह थोड़ी भीड़ थी मगर 11 बजे के बाद बूथ के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी भी कुर्सियों में बैठकर मतदाताओं का इंतजार करते दिखे। यहां केवल इक्के-दुक्के वोटर ही थोड़ी-थोड़ी देर में आते दिखाई पड़े।

शाम होते-होते बूथ में थोड़ी भीड़ फिर दिखाई पड़ी। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1187 है, जिसमें से 720 लोगों ने मतदान किया। माना जाता है कि पैतृक गांव माहिल मुरहू में होने की वजह से नीलकंठ सिंह मुंडा के चाहने वालों की संख्या यहां अधिक है। इसके अलावा मुरहू के बूथ संख्या 236 में 504, 237 में 583, 238 में 624 और बूथ नंबर 240 में 275 वोट पड़े।

अलग-अलग सामाजिक व आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों ने लोकतंत्र के पर्व में अपने-अपने रंग भरे

  • वोट डालकर एक आदिवासी मतदाता गाय चराने के लिए चल पड़ा
  • कुछ लोग ऐसे भी थे जो दुकान का शटर गिराकर वोट देने पहुंचे।
  • कुछ ऐसे भी मतदाता थे, जो मतदान करके भिक्षा मांगने निकल पड़े।
  • 90 वर्ष से ज्यादा की आयु में भी शारीरिक कमजोरी को दरकिनार कर कुछ लोग लोकतंत्र को मजबूत करने पहुंचे।

बाजार का पड़ा असर

बूथ के बाहर मौजूद कुछ मतदाताओं ने बताया कि मुरहू प्रखंड क्षेत्र के कई व्यापारी पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव बाजार में जाते हैं। यह बाजार प्रत्येक बुधवार के दिन लगता है। बुधवार के दिन मतदान होने की वजब से सुबह और शाम में ही मतदाता वोट देने के लिए पहुंचे।

कुछ मतदाताओं को नहीं मिला सूची में नाम

बूथ संख्या 238 व 239 पर कुछ लोग ऐसे भी पहुंचे जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं मिला। पोलिंग अफसर और मौजूद कर्मियों से बात करने के बाद उनको निराश होकर लौटना पड़ा। नाम नहीं मिलने से नाराज रितेश भगत ने कहा कि व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।

सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर इतनी खर्च के बाद भी ऐसी चूक हो जाती है हम अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं। कुछ वर्षों पहले रांची शिफ्ट हुई एक महिला ने बताया कि लोकसभा चुनाव में वोट देकर गई थी और अब कुछ माह में उसका नाम मतदाता सूची में है ही नहीं।

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