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सरकारी विद्यालयों के छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा शुरू

कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के तहत प्रखंड क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई मार्च महीने से ठप है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। वहीं सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी की जा रही है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 24 May 2020 09:26 PM (IST)
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सरकारी विद्यालयों के छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा शुरू

तोरपा : कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के तहत प्रखंड क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई मार्च महीने से ठप है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। वहीं सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी की जा रही है। कोरोना वायरस के चलते प्रखंड क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा भी नहीं हो पाई है। सरकार ने सभी को अगली कक्षा में प्रोन्नति भी दे दी है। बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन पढ़ाई की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए स्मार्ट फोन या बटन वाले फोन से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। गांवों में रह रहे छात्र-छात्राओं में भी ऑनलाइन शिक्षा के प्रति अभिरुचि बढ़ी है। ऑनलाइन शिक्षा को लेकर बीपीओ नरेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण इन दिनों में स्कूल बंद चल रहे हैं। अत: सरकारी स्कूलों के हजारों बच्चे पढ़ाई से दूर हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने बच्चों की समस्याओं को दूर करते हुए ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत कराई है। बताया कि प्रदेश स्तर पर बने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिले स्तर पर और फिर जिले से ब्लॉक स्तर होते हुए विद्यालयों के शिक्षकों तक ऑनलाइन टीचिग के कंटेंट उपलब्ध कराए जाते हैं। शिक्षक इन कंटेंट को स्कूल द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर बच्चों को पढ़ने के लिए दिशा-निर्देश देते हैं।

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ऐसे होती है ऑनलाइन पढ़ाई

सीआरपी नारायण महतो ने बताया कि प्रदेश स्तर पर बने डीजी के साथ व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिलास्तर पर संकुल स्तर होते हुए विद्यालयों के शिक्षकों तक ऑनलाइन टीचिग के कंटेंट उपलब्ध कराए जाते हैं। शिक्षकों का बच्चों के अभिभावकों के साथ प्रत्येक स्कूल का एक-एक ग्रुप बना हुआ है इसमें सुबह नौ बजे से दस बजे तक ऑनलाइन पढ़ाई होती है और जिस अभिभावक के पास स्मार्ट फोन नहीं है उनसे कहा गया है कि अपने पड़ोसी या दोस्त से एक घंटे के लिए मांग कर बच्चों को दें।

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स्मार्ट फोन न होने से हो रही दिक्कत

ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों के पास एंड्रायड फोन ना होने के कारण उन तक अभी ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था नहीं पहुंच पा रही है। इस कारण बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ाई से दूर हैं।