धर्म बदलने वालों को पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा : सोमा उरांव
बिरसा सरस्वती शिशु मंदिर तपकरा में गुरुवार को जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित बैठक में जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा की गई।
संवाद सूत्र, तोरपा : बिरसा सरस्वती शिशु मंदिर तपकरा में गुरुवार को जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित बैठक में जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों पर चर्चा की गई। बैठक में सीएनटी एक्ट, पेसा एक्ट व पंचायती राज अधिनियम 2001 में अनुसूचित जनजातियों के लिए बने कानून के बारे बताया गया। इस दौरान जनजाति रक्षा मंच के संयोजक संदीप उरांव ने कहा कि अपनी धर्म संस्कृति रीति-रिवाज व परंपरा को बचा कर रखना है, तो इसके लिए सभी को शिक्षित व अपने अधिकारों से संबंधित कानूनों को जानना होगा। उन्होंने कहा कि पाहन, महतो, मुंडा, पानी भरवा वगैरह अपनी परंपरा को छोड़ रहे हैं, उसे सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। जो धर्मांतरण कर दूसरे समुदाय में चले गए हैं, वैसे व्यक्ति को पाहन, मुंडा, महतो, पानी भरवा के पदों से तुरंत हटाने की जरूरत है। सह संयोजक सोमा उरांव ने कहा कि सीएनटी एक्ट, पेसा एक्ट व पंचायती राज अधिनियम 2001 में सभी अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष कानून बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान, मुखिया, प्रमुख व जिला परिषद का पद केवल अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए ही है। जो अपने रीति-रिवाज व परंपरा का निर्वहन एवं संवर्धन करेगा वैसे लोगों का ही साथ देना होगा। उन्होंने कहा कि धर्म बदले हुए लोगों को पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेने दिया जाएगा। बैठक में राष्ट्रीय आदिवासी मंच के कार्यकारी अध्यक्ष सन्नी टोप्पो, जनजाति रक्षा मंच संरक्षक जयमंत्री उरांव, सनिका पाहन, रमन मुंडा, दुलार मुंडा, बसीर गुड़िया, सुशील गुड़िया व मुसाफिर विश्वकर्मा सहित कई लोग उपस्थित थे।