प्रभु श्रीराम से मिलने का मन हो रहा...हाथ में अक्षत लेते ही छलके आंसू, सनातन धर्म में लौटे दो ईसाई परिवार, कहा- भटक गए थे रास्ता
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत जरिया पंचायत के पाटपुर गांव में कुल 85 घर हैं और इनमें से 81 घरों के लोगों का ईसाई धर्म में मतातंरण हो चुका है। बुधवार को जब अयोध्या का पूजित अक्षत और निमंत्रण पत्र लेकर रामभक्त पहुंचे तो मतांतरित दो परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी कर ली। कहा- भगवान राम से मिलने का बड़ा मन हो रहा है।
सुनील सोनी, तोरपा (खूंटी)। अयोध्या में राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को लेकर पूरे देश में श्रद्धा और आनंद की लहर है। भगवान राम के प्रति समर्पण और उनकी आराधना के विविध रूप देखने को मिल रहे हैं। लोगों में जल्द से जल्द अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन की आकुलता है। आस्था के इस अविरल प्रवाह के बीच धर्म के मार्ग से थोड़े समय के लिए भटक चुके लोग भी अब अपनी जड़ों की ओर लौटने लगे हैं।
लोगों ने कहा- बहकावे में आकर भटक गए थे रास्ता
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड अंतर्गत जरिया पंचायत के पाटपुर गांव में बुधवार को अयोध्या का पूजित अक्षत और निमंत्रण पत्र लेकर रामभक्त पहुंचे, तो यहां उनके समक्ष पूर्व में मतांतरित होकर ईसाई बन चुके दो परिवारों ने घर वापसी कर ली।दोनों परिवारों के सदस्यों ने कहा, भगवान राम हमारे आराध्य देव हैं। बीच में कुछ लोगों के बहकावे में आकर हम मार्ग से भटक कर दूसरे पंथ में चले गए थे। अब भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रद्धा और उत्सव का माहौल देख हम खुद को रोक नहीं पाए। हमारा मन राम से मिलने को कर रहा है। जल्द ही हम अयोध्या जाएंगे। यह कहकर राजेंद्र चीक बड़ाईक व उमेश चीक बड़ाईक भाव विह्वल हो उठे।
गांव के 85 परिवारों में 81 घरों के लोग मतांतरित
इन दोनों के परिवारों ने बुधवार को विधि-विधान पूर्वक सनातन धर्म में घर वापसी की। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सबका स्वागत किया।राजेंद्र चीक बड़ाईक व उमेश चीक बड़ाईक ने कहा, हम लोग भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनेंगे और बाद में अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे।
विहिप के प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह ने बताया कि पाटपुर गांव में कुल 85 परिवार रहते हैं। इनमें 81 घरों के लोग ईसाई बन चुके हैं। केवल चार घर ही हिंदू बचे थे।बुधवार को विहिप व बजरंग दल के लोग पूजित अक्षत वितरण करने पहुंचे तो राजेंद्र व उमेश तथा उनके परिवार के लोगों ने इच्छा जताई कि वह भी रामयात्रा में शामिल होंगे। उनके उत्साह को देख उन्हें पूजित अक्षत दिया गया, जिसे पूरी श्रद्धा के साथ माथे से लगा कर उन्होंने अपने घर में रखा।
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