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Chhath Puja: अमेरिका में छठ व्रत की गूंज, नीलम विदेश में रहकर मना रहीं त्योहार; यूरोप से व्रत करने तिलैया पहुंचे नीरज

Chhath Puja 2023 छठ मइया की महिमा अपरंपार है। इस पर्व की गूंज सिर्फ बिहार-झारखंड तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे जुड़ी आस्था देश से लेकर विदेशों में है। कई लोग अमेरिका में छठ पूजा मना रहे हैं तो कुछ सिर्फ छठ पूजा करने के लिए सात समुंदर पार से भारत आ रहे हैं। आज छठ व्रत का दूसरा दिन है।

By Gajendra Bihari SinhaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 18 Nov 2023 05:37 PM (IST)
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अमेरिका में छठ व्रत की गूंज, नीलम विदेश में रहकर मना रहीं त्योहार
गजेंद्र बिहारी, कोडरमा। छठ पर्व के प्रति श्रद्धा ऐसी है कि लोग विदेश से भी घर तक खींचे चले आते हैं। यूरोप में रहने वाले नीरज सिंह छठ पर्व मनाने के लिए झुमरी तिलैया स्थित घर पहुंचे हैं। नीरज दो सालों से पत्नी निभा सिंह के साथ छठ पर्व कर रहे हैं।

इस पर्व के प्रति उनकी अटूट आस्था हर साल उन्हें घर तक खींचकर ले आती है। इस बार भी दीपावली में नीरज बिशनपुर रोड स्थित अपने घर पहुंचे हैं। इसके बाद श्रद्धा और भक्ति से छठ पर्व मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि छठ सिर्फ पर्व नहीं है, बल्कि एक इमोशन है। इसके जरिये वे हर साल सात समुंदर पार अपने घर तक खींचे चले आते हैं। छठ मइया में इस दंपति की अटूट आस्था है।

तीन साल से यूरोप में रह रहे हैं नीरज 

नीरज की पत्नी निभा ने बताया कि उनके पति बच्चों की गर्मी छुट्टी में घर नहीं आते हैं, लेकिन छठ पर्व मनाने के जरूर आते हैं। चार दिनों तक चलने वाले सूर्य उपासना के इस महापर्व के दूसरे दिन नीरज और उनकी पत्नी निभा ने मिलकर खरना का प्रसाद बनाया और ग्रहण किया। नीरज पिछले तीन साल से यूरोप में है।

अमेरिका में भी छठ पर्व की धूम

इधर, डोमचांच निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर कृष्णकांत सिंह पत्नी इंजीनियर नीलम सिंह के साथ अमेरिका के सिएटल में रहते हैं। वहां नीलम धूमधाम से छठ पर्व मनाकर अमेरिका में अपनी सभ्यता और संस्कृति की छाप छोड़ रहीं हैं।

नीलम ने अमेरिका में नहाय खाय के साथ इस महापर्व की शुरुआत की और आज खरना का प्रसाद ग्रहण कर छतीस घंटे का निर्जला उपवास भी रखा है।

खरना के आयोजन में बिहार और झारखंड के पचास लोग अमेरिका स्थित इनके आवास पर पहुंचे और खरना का प्रसाद ग्रहण किया।

झारखंड-बिहार से कई लोग अमेरिका में रह रहे हैं।

कृष्णकांत ने बताया कि उनके दोस्त मणिभूषण और शालिनी श्रीवास्तव ने छठ पर्व के आयोजन में शुरू से ही साथ रहकर योजना बनाने से लेकर इसे पूरा करने में भरपूर सहयोग किया।

वहीं, निधि चौधरी, ऋतु सिंह और मनीषा राज ने खरना का प्रसाद बनाने में सहयोग किया। ये सभी लोग झारखंड-बिहार के मूल निवासी हैं, जो अमेरिका में कई सालों से रह रहे है। कृष्णकांत डोमचांच कालीमंडा के निवासी हैं तथा उनकी शिक्षा-दीक्षा डोमचांच व कोडरमा के सरकारी स्कूलों व कॉलेज से हुई है।

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