रेलवे में छंटनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
संवाद सहयोगी झुमरीतिलैया भारतीय रेलवे में 13000 पदों की छंटनी के खिलाफ भारत की जनवादी
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया: भारतीय रेलवे में 13000 पदों की छंटनी के खिलाफ भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआइ) ने देशव्यापी विरोध दिवस के तहत गुरुवार को कोडरमा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर डीवाईएफआइ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है। 10 करोड़ से ज्यादा लोगों का रोजगार छीन गया है। देश में बेरोजगारी दर 7.11 प्रतिशत है, जो पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है। वैसे समय में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले रेलवे में 13000 से अधिक पदों पर छंटनी की जा रही है। साथ ही अस्थायी और अनुबंध को बढ़ावा देकर सरकारी नौकरी को पूरी तरह से समाप्त करने की साजिश की जा रही है। जब देश में बेरोजगार युवाओं की फौज बढ़ रही है, ऐसे समय में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रेलवे कार्यालयों में लगाया जाना बेरोजगारों के साथ धोखा है। वर्तमान में रेलवे में लगभग 4,00,000 पद रिक्त हैं। जिसे भरने के बजाय उल्टा छंटनी की जा रही है। उन्होंने मोदी सरकार की विनाशकारी निजीकरण की नीति के खिलाफ युवाओं को संगठित होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। जिला सचिव सुरेंद्र राम ने कहा कि मोदी सरकार सार्वजानिक संस्थानों में कर्मचारियों की भारी कटौती की साजिश कर रही है। पूरे देश को निजीकरण की आग में झोंक कर नौजवानों के सपनों पर हमला कर रही है, मजदूर कर्मचारियों को गुलाम बनाया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन में सुरेंद्र राम, शिवपुजन पासवान, राधे दास, राजेश राम, रोहित यादव, सन्नी यादव, सिद्धु यादव आदि शामिल थे।