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ब्रोकली की खेती से जीवन में आई हरियाली

भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां 75 फ़ीसदी लोग खेती पर ही निर्भर हैं। दुनिया में एकमात्र देश हमारा देश है जो गांव से मिलकर बना हुआ है। हमारे यहां एक कहावत है कि शहरों के बाजार गांव से सजते हैं। अगर बात झारखंड की करें तो यह प्रदेश अपने खनिजों के लिए विख्यात है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 29 Dec 2019 06:37 PM (IST)
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ब्रोकली की खेती से जीवन में आई हरियाली

रणजीत कुमार भारती, जयनगर (कोडरमा): कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड के तरवन गांव के युवा किसान रामाशंकर यादव ग्रेजुएशन के बाद नौकरी तलाशने के बजाए खेती-किसानी का रास्ता अपनाया। अपने पूर्वजों की जमीन पर परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जी का उत्पादन शुरू किया। कृषि विज्ञान केंद्र से तकनीकी प्रशिक्षण लेकर आज वे ग्रीन हाउस में ब्रोकली की खेती कर रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। ब्रोकली को यूरोपियन सब्जी भी कहा जाता है। इसे बाजार में अच्छे दामों में बेचकर बेहतर आमदनी कर रहे हैं। रामाशंकर ने बताया कि पूर्व में वे ब्रोकली की खेती कर बाजार में बेचते थे, उस समय यहां के लोग उसे हरा गोभी व खराब गोभी कह कर नहीं लेते थे। लेकिन उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा और आज उनका ब्रोकली 40 से 50 रुपये प्रति पीस बाजार में बिक रहा है। आज भी ब्रोकली के साथ अपने खेत पर पॉलीटनल तकनीक व प्रोट्रे विधि से अगली पौध जैसे करेला, भिडी, झिगी, ननुआ आदि उत्पादन कर रहे हैं। ऐसे में नई सब्जियों के बाजार में पहले आने से इन्हें बेहतर कीमत मिल जाती है। करीब चार एकड़ जमीन में सब्जियों की खेती कर रामाशंकर प्रतिमाह करीब 50 हजार की आमदनी कर लेते हैं। बेहतर आमदनी के बदौलत वे अपने दो बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं।

शोधकर्ताओं की अगर माने तो ब्रोकली में बीटा कैरोटीन होता है जो आंखों में मोतियाबिद और मस्कुलर डिसऑर्डर होने से रोकता है। वहीं ब्रोकली में कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और जिक होता है जो हड्डियों को मजबूत करते हैं। ब्रोकली बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छी मानी जाती है यह एनीमिया और अल्जाइमर से बचाता है क्योंकि इसमें आयरन और फोलेट पाया जाता है। ब्रोकली से शुगर एवं हार्ट पेशेंट को काफी फायदा पहुंचता है। क्या कहते हैं एक्सपर्ट

ब्रोकली गोभी का ही एक पौधा है इसका ठंडे प्रदेशों में अच्छा उत्पादन होता है। आजकल ब्रोकली की प्रजाति पूसा केटीएस-1, पालम समृद्धि आदि की प्रजातियां सर्दी के मौसम में मैदानी व पठारी भागों में अच्छा उत्पादन दे रहा है। इस प्रजाति में अन्य गोभियों की अपेक्षा विटामिन ए की मात्रा प्रचुर मात्रा में रहता है और इसमें एंटी कैंसर प्रॉपर्टी पाया जाता है। ब्रोकली शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैंसर जैसे भयानक बीमारी से लड़ने में मदद करता है। यह शाकाहारी मानव के लिए लजीज व पौष्टिक सब्जी होती है। सफेद गोभी के अपेक्षा ब्रोकली एक गोभी के काट लेने के बाद उसकी धड़ से दूसरी गोभी भी हो जाती है। इस गोभी की मांग पांच सितारा और तीन सितारा होटलों में भी काफी बढ़ गई है। लोग अगर इस गोभी का सेवन करेंगे तो निश्चित तौर पर उन्हें जरूरी पोष्टिक आहार प्रचुर मात्रा में मिलेगा।

-डॉ भूपेंद्र सिंह, उद्यान विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर, कोडरमा

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