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सैनिक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, बोले- 'जो दूसरों को पीटते वे साहसी नहीं..'

सैनिक स्कूल तिलैया में समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का स्कूल के प्राचार्य राहुल सकलानी ने स्वागत किया। राज्यपाल ने शहीद स्मारक स्थल पर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को मार्गदिशन किया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि दूसरों की रक्षा और मदद करना ही साहस है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 16 Sep 2023 04:20 PM (IST)
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सैनिक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन
जागरण संवाददाता, कोडरमा: सैनिक स्कूल तिलैया के साठ वर्ष पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया गया। हीरक जयंती समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

इस दौरान संबोधित करते हुए सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि दूसरों की रक्षा व मदद करना ही साहस है, जो लोग दूसरों को पीटते हैं वे साहसी नहीं, कायर हैं।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि सैनिक स्कूल ने पिछले साठ सालों में देश को सैकड़ों सैन्य, प्रशासनिक अधिकारी दिए हैं। यहां की पढ़ाई के साथ अनुशासन विद्यार्थियों को हमेशा के लिए सशक्त और सफल बनाता है।

राज्यपाल का किया गया स्वागत 

बता दें कि सैनिक स्कूल तिलैया के साठ वर्ष पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे राज्यपाल का प्राचार्य ग्रुप कैप्टन राहुल सकलानी ने स्वागत किया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सबसे पहले शहीद स्मारक स्थल पर जाकर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

वहीं, राज्यपाल ने स्टेडियम में परेड की सलामी ली। इसके बाद कैडेट ने मार्च पास्ट किया। इतना ही नहीं, राज्यपाल ने शहीद हुए अधिकारियों की पत्नियों को भी सम्मानित किया।

कार्यक्रम में हेलीकॉप्टर द्वारा तिरंगा व सेना के फ्लैग को आसमान में लहराया गया। पैरामोटर ग्लाइडिंग कार्यक्रम में इस बार मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। इसे देखकर लोग काफी उत्साहित हुए।

वहीं, राज्यपाल ने सैनिक स्कूल के साठ वर्ष होने पर डाक टिकट का भी अनावरण किया। कार्यक्रम में देश की थल सेना, जल सेना और वायु सेना में विभिन्न पदों पर और प्रशासनिक सेवा में कार्यरत संस्थान के पूर्व छात्र शामिल हुए।

देश का सबसे बड़ा सैन्य स्कूल

जानकारी के मुताबिक, तीन सेवारत सैन्य-अधिकारी, पांच एनसीसी-पीटीआई स्टाफ, 45 अकाडमिक स्टाफ, 26 प्रशासनिक और 75 से अधिक सामान्यकर्मी के साथ 875 सैन्य-छात्र व पचीसाधिक डे-स्कॉलर वाला यह स्कूल देश के सभी स्कूलों में सबसे बड़ा है।

सैनिक स्कूल प्रबंधन की मेहनत का प्रतिफल ही है कि यहां के सैन्य-छात्र, जीवन और समाज के हर क्षेत्र में देश का परचम लहराते रहे हैं। चाहे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश की बात हो या फिर प्रशासनिक सेवा, चिकित्सा या अभियांत्रिकी या फिर राजनीति, समाजसेवा, फिल्म या न्याय-विभाग।

यहां के विद्यार्थियों ने समाज के सभी क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान बनाई है। संस्थान ने कुल 800 ऐसे सैन्य-छात्र तैयार किए हैं, जिन्होंने सीधे तौर पर 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी' की मेधा-सूची में स्थान बनाया है।

संस्थान को दो बार मिली रक्षा मंत्री ट्राफी

सैनिक स्कूल तिलैया को 'राष्ट्रीय रक्षा अकादमी' परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दो बार 'रक्षा मंत्री ट्रॉफी' और लगातार शैक्षणिक उत्कृष्ठता के लिए कई बार रक्षा राज्य मंत्री 'मेरिट प्रमाण–पत्र' से सम्मानित किया जा चुका है।

सैनिक स्कूल तिलैया के कुल छह शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। बता दें कि इसी वर्ष शिक्षक दिवस के पर 5 सितंबर को यह पुरस्कार संस्थान के वरिष्ठ अध्यापक मनोरंजन पाठक को प्रदान किया गया।

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