Jharkhand: ब्लू स्टोन के अवैध खुदाई पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, करीब दो दशक से हो रहा खनन
झारखंड के कोडरमा में ब्लू स्टोन के अवैध खनन पर प्रशासन का डंडा चला है। बता दें इस कार्रवाई में वाइल्ड लाइफ वन प्रमंडल जिला प्रशासन खनन विभाग और कोडरमा पुलिस की टीम शामिल रही। लोकाई के पास जंगली क्षेत्र में करीब 10 एकड़ भूभाग पर अवैध खुदाई चल रही थी। यहां करीब दो दशक से अवैध खनन हो रहा है।
संवाद सूत्र, कोडरमा। जिला प्रशासन ने रविवार को ब्लू स्टोन के अवैध उत्खनन को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। वाइल्ड लाइफ, वन प्रमंडल, जिला प्रशासन, खनन विभाग और कोडरमा पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर लोकाई के पास जंगली क्षेत्र में करीब 10 एकड़ भूभाग पर अवैध उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई की। पिछले दिनों जागरण ने पहले पेज पर ब्लू स्टोन के अवैध उत्खनन और कारोबार को लेकर पहले पेज पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
इसके बाद जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। लोकाई के पास जंगली क्षेत्र में कार्रवाई में कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और चतरा वाइल्डलाइफ की टीम शामिल रही। वाइल्डलाइफ के डीएफओ अवनीश चौधरी की अगुआई में अवैध उत्खनन को खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
इससे पहले इसी साल 20 फरवरी को जंगली क्षेत्र में फैले ब्लू स्टोन के अवैध कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी और बड़ी-बड़ी मशीनों को खदानों में ही नष्ट किया गया था। उस कार्रवाई के बाद खनन माफिया फिर से ब्लू स्टोन के अवैध उत्खनन व कारोबार में जुट गए थे।
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10 जेसीबी मशीनों की मदद से की गई कार्रवाई
रविवार सुबह 10 बजे से ही तमाम आला अधिकारी और पुलिस के जवान अभियान में लोकाई जंगल क्षेत्र में जुटे रहे और मशीनों को नष्ट करने के साथ-साथ करीब 10 जेसीबी मशीनों की मदद से खदानों को भरने की कार्रवाई भी की गई। लोकाई के इस वाइल्डलाइफ प्रक्षेत्र में जहां पत्ता तोड़ना भी अपराध है। वहां खनन माफिया बड़े पैमाने पर ब्लू स्टोन का अवैध उत्खनन करा रहे थे। लोकाई के इन खदानों से ब्लू स्टोन का उत्खनन करने के बाद उसे तरासने के लिए राजस्थान भेजा जाता है। वहां इसकी अच्छी खासी कीमत भी मिलती है।
इससे पहले फरवरी में भी हुआ था एक्शन
कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे वाइल्ड लाइफ के डीएफओ अवनीश चौधरी ने बताया कि माइका बंद होने के बाद इस क्षेत्र में ब्लू स्टोन का अवैध कारोबार शुरू हुआ था। बीच में कई बार छापेमारी की गई थी। यह इस साल की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इसमें खदानों को भरा जा रहा है। यहां लगे कंप्रेसर मशीन, जनरेटर मशीन को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में लगातार अवैध उत्खनन होने से जंगल और जंगली जानवरों को बहुत नुकसान पहुंच रहा था। टीम खदानों के बाहर बनी संरचनाओं को नष्ट कर रही है। अवैध खनन के खिलाफ यह अभियान अभी भी जारी है।
दो दशक से हो रहा अवैध खनन
बता दें कि वन्य जीवों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में करीब दो दशक से अवैध उत्खनन हो रहा है। यहां से ब्लू स्टोन निकालकर बाहर भेजा जा रहा है। इससे यहां लगे हजारों पेड़ नष्ट होते गए।
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