अबुआ आवास के लिए आए आवेदन फटाफट किए जा रहे रिजेक्ट, जानें योजना का लाभ उठाने के लिए किन पैमानों पर उतरना होगा खरा
गरीबों और जरुरतमंद लोगों को तीन कमरों वाला मकान उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार अबुआ आवास योजना के तहत काम कर रही है। हालांकि अब इसे लेकर विभिन्न पंचायतों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इसके लिए आए 49 हजार आवेदनों में से पंचायत स्तर पर करीब 29 हजार लाभुकों को अयोग्य करार दिया गया। इसे लेकर हंगामा जारी है।
संवाद सहयोगी, कोडरमा। राज्य सरकार की नई योजना अबुआ आवास को लेकर विभिन्न पंचायतों में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। योजना को लेकर सरकार आपके द्वार शिविरों के माध्यम से 49 हजार लोगों ने आवेदन आए थे, लेकिन पंचायत स्तर पर मुखिया के नेतृत्व में गठित दल द्वारा सत्यापन के उपरांत करीब 29 हजार लाभुकों को अयोग्य करार दिया गया। इससे जिले के हर पंचायत में भारी विवाद उत्पन्न हो गया है।
बड़े पैमाने पर आवेदनों को किया जा रहा रिजेक्ट
ग्रामीण स्तर पूर्व से पीएम आवास के लिए 1.30 लाख ही दी जाती थी, लेकिन राज्य की योजना में राशि बढ़ाकर दो लाख किया गया है। इससे लाभ के लिए आवेदन देने वालों की तादाद काफी अधिक हो गई है। अब जिला स्तर पर मात्र 4500 आवास का ही लक्ष्य दिया गया है। ऐसे में लाभ के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट तैयार की जाएगी।
तीन वर्ष में करीब 15 हजार को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इधर, बड़ी संख्या में आवेदनों के रिजक्ट किये जाने से मुखिया व दल पर आवेदकों द्वारा गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि मुखिया चयन प्रक्रिया में भेदभाव कर रहे हैं।
चार किश्तों में मिलेगी राशि
दो लाख के अबुआ आवास स्वीकृति के उपरांत प्रथम किश्त 15 प्रतिशत दी जाएगी। वहीं लिंटन स्तर तक निर्माण के उपरांत 25 प्रतिशत, छत की ढलाई पर 50 प्रतिशत तथा आवास पूर्ण होने पर शेष 10 प्रतिशत की राशि दी जाएगी।
अबुआ आवास में चयन प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए पंचायत स्तर पर चार सदस्य का दल बनाया गया है। शिकायत व आपत्तियों का निष्पादन अनुमंडल स्तर पर किया जा रहा है। समान अंक वाले मामले में उम्र को प्राथमिकता दी जाएगी। अंतिम निर्णय जिलास्तरीय कमेटी द्वारा की जाएगी। किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए नियमित मानिटरिंग किया जा रहा है- मेघा भारद्वाज डीसी कोडरमा।
चयन का यह है आधार
- कच्चे घरों में रहने वाले परिवार।
- आवासविहीन व निराश्रित परिवार।
- कमजोर जजा समूह के परिवार।
- प्राकृतिक आपदा के शिकार परिवार।
- रिहा किये गये बंधुआ मजदूर।
- आवास योजना से वंचित परिवार।
ऐसे लाभुकों को नहीं मिलेगा लाभ
- जिस परिवार के पास पूर्व से पक्का मकान हो।
- 1990 के बाद आवास योजना का लाभ लिया हो।
- चार पहिया वाहन या मछली पकड़ने वाली नाव हो।
- परिवार का सदस्य सरकारी नौकरी में हो।
- परिवार का सदस्य जनप्रतिनिधि हो।
- परिवार का सदस्य आयकर दाता हो।
- परिवार में रेफ्रिजरेटर हो।
- एकड़ सिंचित जमीन हो।
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