Jharkhand News: 235 करोड़ की जलापूर्ति योजना ठप, 2 एजेंसी ब्लैकलिस्टेड; अधर में लटका निर्माण
जल जीवन मिशन के तहत डोमचांच के नीमाडीह में निर्माणाधीन जलमीनार ढहने की घटना से क्षेत्र के लिए भी अब बड़ी समस्या बनते जा रही है। 217 करोड़ की इस योजना के निर्माण एजेंसी एकेजी कंस्ट्रक्शन को अब ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। इसके साथ-साथ जयनगर के खरियोडीह में सुस्त गति से कार्य करने के लिए रामधार सिंह एंड संस को भी कालीसूची में डाला गया है।
अजीत कुमार, कोडरमा। जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्य करने वाली एजेंसी एकेजी कंस्ट्रक्शन और रामधार सिंह एंड संस को अब ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। एकेजी कंस्ट्रक्शन 217 करोड़ की योजना पर काम कर रहा था। वहीं, रामधार सिंह एंड संस का काम जयनगर के खरियोडीह में चल रह था।
खरियोडीह जलापूर्ति योजना 18 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही थी। अब इन दो एजेंसी के एक साथ ब्लैकलिस्टेड होने से इन योजनाओं का निर्माण अधर में लटक गया है।
एकेजी कंस्ट्रक्शन के द्वारा कोडरमा, जयगनर व डोमचांच के दर्जनों ग्रामों में जलापूर्ति योजना बहाल के लिए तैयार की गई मल्टी विलेज स्कीम पर काम किया जा रहा था। इस योजना के तहत दर्जनों गांवों में 2026 तक नल-जल योजना का लाभ ग्रामीणों को पहुंचाया जाना था।
अब इन योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। वहीं इन योजनाओं के फिर से संचालन में कई तरह की विभागीय प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें एक वर्ष से अधिक समय लगने की संभावना है।
कार्यपालक अभियंता सहित एई व जेई हो चूके है निलंबित
नीमाडीह में निर्माणाधीन जलमीनार ढहने की घटना पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो के साथ एई व जेई को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। पूरे राज्य में संबंधित एजेंसी के निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया गया है।
बारिश और तेज हवा में जलमीनार 1 जून को भरभराकर गिर गया था। घटना पर विधायक-सांसद सहित अन्य प्रतिनिधियों ने विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं जांच में करोड़ों की लागत से कोडरमा, जयनगर व डोमचांच में जलमीनार की मेगा परियोजना में गुणवत्ता में भारी कमी सामने आई थी।
विभाग के दो मुख्य अभियंता की टीम ने की थी जांच
दो मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता की टीम ने मामले को लेकर नीमाडीह पहुंचकर जांच की थी। इस दौरान योजना स्थल से पिलर की खुदाई कर सैंपल संग्रह भी किया गया था। वहीं पानी टंकी के पिलर में लगाए गए सरिया की भी जांच की गई थी। सभी का सैंपल रांची जांच के लिए ले जाया गया।
कार्य एजेंसी के सभी योजनाओं की उच्चस्तरीय जांच का निर्देश दिया गया था। एजेंसी के पास कोडरमा में करीब 15 पानी टंकी के निर्माण का जिम्मा था।
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