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Koderma News: कोडरमा-राजगीर रूट पर कब से शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन? डीआरएम ने दे दी जानकारी

Jharkhand Train News कोडरमा-तिलैया-राजगीर रेल लाइन पर ट्रेनों के परिचालन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इस रेलवे लाइन पर 2025 से ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएगी धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने जमुदा स्टेशन और पहाड़ियों के बीच बन रही सुरंगों का जायजा लिया और मार्च 2025 तक सभी सुरंगों का निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया।

By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:24 AM (IST)
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कोडरमा-राजगीर रेलवे लाइन पर जल्द शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन (जागरण)
संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। Koderma News: धनबाद रेल मंडल के डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने मंगलवार को निर्माणाधीन कोडरमा-तिलैया-राजगीर रेल लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जमुदा स्टेशन और पहाड़ियों के बीच बन रही सुरंगों का जायजा लिया और निर्माण कार्य की प्रगति पर संतोष जताया। डीआरएम ने मार्च 2025 तक सभी सुरंगों का निर्माण पूरा करने और पहाड़ों के बीच से रेलवे ट्रैक बिछाने का निर्देश दिया।

डीआरएम सिन्हा के साथ सहायक अभियंता प्रवीण भी निरीक्षण में उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने बताया कि इस रेलखंड पर चार सुरंगों और सात बड़े पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इनमें से 350 मीटर, 305 मीटर, 255 मीटर और 250 मीटर की सुरंगें बन रही हैं। इन सुरंगों पर तेजी से काम चल रहा है और दिसंबर तक सभी पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

 रेलखंड से होगी कोयला परिवहन में सहूलियत 

निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने बताया कि इस रेलखंड के चालू होने से न केवल यात्री ट्रेनें चलेंगी, बल्कि कोयला परिवहन में भी बड़ी सहूलियत होगी। बानादाह से एनटीपीसी बाढ़ तक कोयले से लदी 15 मालगाड़ियां आसानी से आ-जा सकेंगी। इससे इस क्षेत्र के व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यात्री गाड़ियों का भी परिचालन शुरू होगा, जिससे झारखंड और बिहार के बीच यात्रा सुगम हो जाएगी।

 तिलैया-राजगीर खंड पहले से चालू

जानकारी के अनुसार तिलैया-राजगीर रेलखंड पहले से ही चालू है और अब तिलैया से कोडरमा को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। तिलैया से खरौंद स्टेशन तक 24 किलोमीटर की रेल लाइन का निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि झराही स्टेशन से 17 किलोमीटर तक रेलवे ट्रैक बिछाया जा चुका है। अब 23 किलोमीटर का काम बाकी है, जिसमें जंगलों और पहाड़ों के बीच से गुजरने वाली रेल लाइन का निर्माण शामिल है।

घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच से गुजरेगा रेलमार्ग इस रेलखंड का सबसे आकर्षक हिस्सा घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच से गुजरना होगा। डीआरएम सिन्हा ने बताया कि यह रेलमार्ग पर्यटकों के लिए भी बेहद आकर्षक साबित होगा, क्योंकि राजगीर, नालंदा, पावापुरी, ककोलत जैसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल इस रेलखंड से सीधे जुड़ जाएंगे। झारखंड और पश्चिम बंगाल से आने वाले पर्यटकों के लिए यह मार्ग यात्रा को और भी आनंदमय बना देगा।

 2004 में मिली थी परियोजना को मंजूरी 

राजगीर-कोडरमा भाया तिलैया रेलखंड की परियोजना को 2004 में मंजूरी मिली थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण, किसानों के मुआवजे और वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने में काफी समय लग गया। अब सभी अड़चनें दूर कर दी गई हैं और काम चार फेज में तेजी से पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

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