हिडालको ने रैक काटना किया बंद, परेशानी
टोरी रेलवे स्टेशन आने जानेवाले यात्रियों समेत स्थानीय लोगों के आवागमन के।
संवाद सूत्र, चंदवा: टोरी रेलवे स्टेशन आने जानेवाले यात्रियों समेत स्थानीय लोगों के आवागमन के लिए 90 के दशक में रेलवे रैक को काटकर उन्हें सुविधा पहुंचाने की पहल की गई थी। नवंबर 2019 में हिंडालको प्रबंधन द्वारा रैक काटना बंद कर दिया गया है। कुछ समय तक तो लोगों को समझ में नहीं आया कि ऐसा क्यों हो रहा है। तब लोगों ने सोचा कि शायद गलती से रैक नहीं काटा जा रहा बाद में फिर रैक काटकर लोगों के आवगमन में सुविधा प्रदान की जाएगी। दिसंबर महीने में लोगों ने महसूस किया कि अब रैक काट लोगों को आवागमन के लिए कोई राहत प्रदान नहीं की जाएगी। इसके बाद अपने माध्यम से लोग हिंडालको प्रबंधन से जानकारी लेने का प्रयास करने लगे। मीडिया को भी इसकी जानकारी मिली तो वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया। बता दें कि रैक नहीं काटे जाने के बाद रेलयात्रियों समेत स्थानीय लोगों को आवगमन में परेशानी हो रही है। स्कूली बच्चों, महिलाओं, दिव्यंागों और वृद्ध को इसके कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
कहता है हिंडालको प्रबंधन: टोरी हिंडालको प्रबंधन के अभिषेक कुमार ने इस बावत बताया कि रेल यात्रियों समेत अन्य के आवागमन के लिए पहले रैक काटकर आवागमन हेतु रास्ता बनाया जाता था। रेल लाइन पांच की जगह रेल लाइन 10 पर सायडिग का कार्य शुरू किए जाने के बाद अन्य तीन लाइनों पर रेलगाड़ी के खड़े रहने के बाद उन्हें रेल प्रबंधन से रैक नहीं काटने की बात कही गई। उसके बाद भी लंबे समय तक रैक काटकर लोगों को राहत दी गई। रेल प्रबंधन के दवाब के बीच रैक काटना बंद किया गया।
कहता है रेल प्रबंधन: रेल प्रबंधन के अशोक कुमार ने इस बावत बताया कि 2017 में जंक्शन घोषित होने के बाद रेल लाइन की संख्या में वृद्धि हुई। हिंडालको सायडिग के अलावा अन्य रेल लाइनों पर रेलगाड़ियों के आवागमन होने के कारण विशेष मतलब नहीं रह गया। मिले विभागीय उच्चाधिकारियों के निर्देश का अनुपालन करते हिंडालको प्रबंधन को रैक काटना बंद करने की बात कही गई।