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जूते-चप्‍पल की माला पहनाकर आदिवासी को गांव में घुमाया, आखिर किस जुर्म में ग्राम प्रधान ने सुनाई ऐसी सजा?

Jharkhand News आदिवासी ग्रामीण भिखारी गंझू की बस इतनी सी गलती थी कि उसकी पत्‍नी ने उनके घर के बाहर लगे हैंडपंप में मांस धोने से कुछ लोगों को मना किया था। इस ग्राम प्रधान का बेटा बाबर अंसारी भड़क गया और गाली गलौज करने लगा। रविवार को इस मुद्दे को लेकर बैठक हुई तो लाचार भिखारी को जूते-चप्‍पल की माला पहनाकर गांव में घुमाने का फैसला सुनाया गया।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:53 AM (IST)
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अपने साथ हुई नाइंसाफी की जानकारी देता पीड़ित भिखारी गंझू।
संवाद सूत्र, हेरहंज (लातेहार)। Jharkhand News: हेरहंज थाना क्षेत्र में आदिवासी समाज के एक ग्रामीण को गांव में ग्राम प्रधान द्वारा बैठक कर चप्पल व जूते का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। मामला हेरहंज प्रखंड के केड़ू ग्राम का है।

बेवजह आदिवासी ग्रामीण को सुनाया गया दंड

ग्रामीणों ने सोमवार को बताया कि रविवार को दिन के 12 बजे से 2 बजे तक केड़ू स्थित विद्यालय परिसर में 30 से 35 की संख्या में ग्रामीण पहुंचकर गांव के भिखारी गंझू को बुलाया और समाज की बात को नहीं मानने के आरोप को स्वीकार करने की बात कहने लगे। पीड़ित ने स्वीकार भी किया।

दंड स्वरूप जूता चप्पल का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाने का फैसला ग्राम प्रधान नासिर अंसारी के द्वारा सुनाया गया। जिसके बाद गांव वालों ने भिखारी को जूता चप्पल का माला पहनाकर घुमाया। इस घटना को जानकारी प्रशासन को भी नहीं थी।

पीड़ित की पत्नी ने दी घटना की विस्तृत जानकारी

इस घटना की जानकारी जब पत्रकारों को हुई, तो सोमवार को पत्रकारों की टीम जब पीड़ित परिवार के घर पहुंची तो पीड़ित की पत्नी अपने पति के साथ जमीन पर बैठी हुई थी। उनके दोनों बेटे भी साथ में एक कमरे में पड़े थे।

घटना के बारे में पीड़ित की पत्नी सकुंती देवी ने बताया कि चार-पांच महीने पहले गांव के कुछ लोग हमारे घर के पास खस्सी भात खाने के लिए आए और यहीं पर खाना भी बनाया।

आदिवासी ग्रामीण के साथ जुल्‍म

उन्‍होंने आगे कहा, हमारे घर के आंगन में चापाकल है, जिसमें कुछ लोग खस्सी को काटकर धोने लगे। मैंने मना किया, तो काफी शोर करने लगे। इसी बीच ग्राम प्रधान का बेटा बाबर अंसारी आकर काफी गाली-गलौज करने लगा और बाकी लोगों को हमारे खिलाफ भड़काने लगा।

कहा कि इसे समाज और गांव से बाहर करो इसे कोई नहीं बुलाएगा और न ये कहीं जाएंगे। उस समय मेरे पति घर पर नहीं थे और उसी समय से समाज और गांव के लोग हमलोग को समाज से दरकिनार कर दिया।

इसी बात को लेकर रविवार को स्कूल में बैठक हुई जिस पर ग्राम प्रधान और उसके बेटे के साथ सभी ग्रामीणों ने मेरे पति से कहा कि समाज और गांव के साथ रहना है, तो गलती माननी होगी और दंड भी भुगतना होगा।

एकतरफा फैसले के आगे बेबस ग्रामीण 

सभी के दबाव और एकतरफा फैसले को सुन मेरे पति ने अपनी गलती मान ली। इसके बाद सभी ने मेरे पति के साथ बहुत अभद्र व्यवहार कर जूते का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। घटना के बाद सोमवार को पीड़ित ने हेरहंज थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

ग्राम प्रधान ने आरोपों को सिरे से नकारा

ग्राम प्रधान केड़ू नासिर अंसारी ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है मैं किसी तरह की कोई बैठक में नहीं गया था। मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। इन दिनों मेरी तबीयत भी खराब है। पीड़ित भिखारी गंझू ने कहा कि मेरी कोई गलती नहीं है, इसके बावजूद मुझे समाज व गांव से निकालने जैसी बात कहकर अपमानित किया गया है।

पीड़ित के द्वारा आवेदन दिया गया है। आवेदन मिलते ही पुलिस टीम सक्रिय हो गई है। मामले की जांच चल रही है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी। - शुभम कुमार, थाना प्रभारी हेरहंज।

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