गजब का तकनीक! अस्पताल में आग लगने से पहले बजने लगेगा सायरन, होने लगेगी वर्षा; जानें कैसे काम करेगा सिस्टम
लातेहार के सदर अस्पताल में नए साल में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके लिए अभी से ही इसकी पहल शुरू कर दी गई है। सदर अस्पताल में आग बुझाने के लिए छोटे और बड़े फायर सिलिंडर ही हैं। ऐसे में कहीं पर आग लगने पर सिलिंडर से ही आग बुझानी पड़ती है लेकिन जल्द ही इससे छुटकारा सदर अस्पताल को मिल जाएगा।
रूपेश कुमार, लातेहार। लातेहार के सबसे बड़े सदर अस्पताल में नए साल में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके लिए अभी से ही इसकी पहल शुरू कर दी गई है। सदर अस्पताल में आग बुझाने के लिए छोटे और बड़े फायर सिलिंडर ही हैं। ऐसे में कहीं पर आग लगने पर सिलिंडर से ही आग बुझानी पड़ती है, लेकिन जल्द ही इससे छुटकारा सदर अस्पताल को मिल जाएगा।
जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में आग लगने की स्थिति में निपटने के लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। अगर सदर अस्पताल के वार्डों और ओपीडी में कहीं पर आग लगेगी तो यह सिस्टम तुरंत काम करने लगेगा। साथ ही खुद जलवर्षा होने लगेगी।
जिले में कहीं पर भी आगजनी होता है और उसमें कोई व्यक्ति झुलसता है तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन जिला अस्पताल में अगर इस प्रकार की कोई घटना होती है तो यहां इससे निपटने के लिए केवल फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों या फायर सिलिंडर पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि भीएसपीएल प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के द्वारा सदर अस्पताल में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
एक करोड़ की लागत से लग रहा फायर फाइटिंग सिस्टम
सदर अस्पताल में करीब एक करोड रुपये की लागत से पाइप लाइन व अन्य उपकरणों के जरिए अस्पताल के सभी वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू समेत सभी जगहों को पूरी तरह से कवर किया जा रहा है।ऐसे काम करेगा सिस्टम
कहीं भी धुआं निकलने की स्थिति में अलार्म सिस्टम से अलर्ट सायरन बजेगा। ऐसे में अस्पताल में संबंधित किसी वार्ड में आग लगने की स्थिति में उसी वार्ड में लगे फायर सिस्टम को चालू कर आग बुझाई जा सकेगी। ऐसे में कहीं बाहर से या दूसरी जगह से पाइप लाइन पहुंचाने की जरूर नहीं होगी।
आग लगने वाले स्थान पर ही पाइप लाइन को खींचकर आग बुझाने के इंतजाम होंगे। ऐसे में समय की बचत होगी, साथ ही नुकसान भी कम से कम हो सकेगा। सिस्टम को लगातार पानी की सप्लाई के लिए एक लाख लीटर व बीस हजार की क्षमता का दो टैंक अस्पताल परिसर पर बनाया गया है।
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