यहां पानी के लिए सुबह-सवेरे महिलाएं करती हैं लंबी दूरी तय, भगनटोला में बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग
सुबह होते ही महिलाएं सिर पर हंडी व हाथों में अन्य बर्तनों के साथ कतारबद्ध तरीके से पानी भरने के लिए लंबा रास्ता तय करती हैं। इतना ही नहीं घर पर पहुंचने के बाद उस पानी को उबाला जाता है फिर परिवार के लोग उसे पीते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 23 Jan 2023 05:12 PM (IST)
उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार। घड़ी में सुबह के आठ बज रहे हैं, सूर्य की रौशनी में खिल रही धूप ठंडक से राहत दिला रही है। स्थान है लातेहार सदर प्रखंड का भगन टोला। गांव की महिलाएं अपने सिर पर हंडी व अन्य बर्तनों में पानी लेकर कतारबद्ध होकर जा रही हैं। गांव की महिलाओं को कतारबद्ध होकर एक साथ जाते देखकर सहसा कोई भी चौंक जाए। महिलाओं के पास जाकर पूछने से पता चला कि इस गांव में पानी की भारी किल्लत है। पानी की समस्या के कारण गांव की महिलाएं बरसाती नदी से हर समय पानी ढोकर अपने घर लाती हैं।
ग्रामीणों की दुर्दशा बयां करती सरकारी योजनाओं की हकीकत
दुख की बात यह है कि सरकारी योजनाओं की जमीनी पड़ताल करने के लिए गांव आने वाले सरकारी नुमाइंदों की नजर सिर पर पानी ढोती ग्रामीण महिलाओं पर पड़ती है। वे इस नजारे को देखकर आपस में चर्चा भी करते हैं।किसी ग्रामीण ने कुछ कहा तो उसे समस्या का निदान करने के लिए आश्वस्त भी करते हैं। लेकिन समस्याओं का निदान कभी नहीं हो पाता, लिहाजा गांव की महिलाएं बेबसी में बस नियती को कोसते हुए हर दिन नदी से पानी ढोकर अपने घर लाती हैं।
नदी का पानी होने पर हाइजीन का रखा जाता है पूरा ख्याल
भगन टोला नामक इस गांव में भले ही पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान हों लेकिन सेहत के प्रति ग्रामीण जागरूक हैं। बरसाती नदी से पानी को घर लाकर महिलाएं उसे उबालती हैं, उबालने के बाद जब पानी ठंडा हो जाता है तब उसका सेवन घर के सदस्य करते हैं। जिससे नदी का पानी पीने के बावजूद ग्रामीण संक्रामक रोगों की चपेट में नहीं आते। इसके अलावा यहां के ग्रामीण कोराना से बचाव के लिए टीकाकरण समेत स्वास्थ्य से जुड़ी सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ लेते हैं।मध्यान्ह भोजन में भी होता है पानी का संकट
गांव में संचालित सरकारी स्कूल में पानी की किल्ल्त के कारण मध्यान भोजन बनाने में समस्या होती है। यहां भी पानी लाने के बाद पहले उसे उबाला जाता है इसके बाद उस पानी को प्रयोग में लाया जाता है। इसके अलावा स्कूल में पढ़ाई करने वाले बच्चे नियमित तौर पर हैंडवाश का प्रयोग करते हैं सफाई और पानी उबाल कर पीने के लिए स्कूल में शिक्षकों की ओर से बराबर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा हर सप्ताह एक घंटे की स्कूली गोष्ठी में सफाई और पानी की उपयोगिता को लेकर स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच चर्चा होती है।
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