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बिरयानी के नाम पर स्कूलों में छात्रों को परोसी जा रही खिचड़ी, मिडडे मील की हालत देख खाने से इंकार कर रहे बच्चे

लोहरदगा में सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से स्कूलों में दोपहर का भोजन पहुंचाया जा रहा है। जिले के कई प्रखंडों में सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से ही बच्चों को भोजन मिल रहा है। पिछले कई महीनों से भोजन की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

By Vikram ChouhanEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 23 Feb 2023 03:45 PM (IST)
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कम मात्रा में और जैसे-तैसे स्कूलों में पहुंचाया जा रहा है एमडीएम

जागरण संवाददाता, लोहरदगा: लोहरदगा में सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से स्कूलों में दोपहर का भोजन पहुंचाया जा रहा है। जिले के कई प्रखंडों में सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से ही बच्चों को भोजन मिल रहा है। पिछले कई महीनों से भोजन की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद अब तक गुणवत्ता में सुधार को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।

खाने से इंकार कर देते हैं छात्र

खाने की गुणवत्ता ऐसी है कि भोजन की हालत देख विद्यार्थी स्कूल में दोपहर का भोजन खाने से इंकार कर देते हैं। ज्यादातर भोजन या तो फेंकना पड़ता है या यूं ही बेकार चला जाता है। शहरी क्षेत्र के एक स्कूल में बुधवार को कुछ इसी तरह से भोजन आने पर विद्यार्थी भोजन देखकर ही भागने लगे।

अब कोई नहीं खड़ा करता सवाल

शिक्षक मजबूरी में कहते हैं कि वह इसमें क्या कर सकते हैं। जब विद्यालय स्तर पर दोपहर के भोजन का संचालन होता था तो अधिकारी आकर कई सवाल खड़े करते थे लेकिन आज भोजन की गुणवत्ता को लेकर कोई कुछ कहने वाला नहीं है। यदि वह कुछ कहेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बिरयानी के नाम पर परोसी जा रही खिचड़ी

सेंट्रलाइज्ड किचन के माध्यम से बुधवार को जो भोजन दिया गया, उसे बिरयानी और दाल कहा गया लेकिन परोसा गया भोजन बिरयानी कम और खिचड़ी ज्यादा लग रहा था। इसकी गुणवत्ता भी विद्यार्थियों को निराश कर रही थी। दाल के नाम पर चावल का पानी और पालक साग नजर आ रहा था, जिसे देखकर विद्यार्थी खाने से इंकार कर रहे थे। लगातार सवाल उठने के बावजूद गुणवत्ता में सुधार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।