जागरण संवाददाता, लोहरदगा: प्रभु यीशु के जन्म का उत्सव क्रिसमस को लेकर धार्मिक अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया है। पवित्र रात के धार्मिक अनुष्ठान को लेकर अलग-अलग चर्च में अलग-अलग पादरी द्वारा धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए हैं।
ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशु की आराधना में जुट गए हैं। चर्च में पहुंचकर लोगों ने पूरे परिवार के साथ प्रभु यीशु की प्रार्थना की है। अनुष्ठान कराने वाले पादरियों ने प्रभु यीशु के जन्म के उद्देश्य और उसके महत्व के बारे में बताया गया।
क्रिसमस को लेकर ईसाई समुदाय के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। हर ओर क्रिसमस की खुशियां छा गई हैं, लोग अभी से ही एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देने लगे हैं। क्रिसमस को लेकर घरों में की गई सजावट से पूरा संसार जगमग करता हुआ नजर आ रहा है।
ईसाई समुदाय के लोगों ने क्रिसमस को लेकर अपने-अपने घरों में केक काटने की तैयारी की है। रविवार को क्रिसमस के दिन लोग एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देंगे। एक-दूसरे के घरों में आना-जाना करेंगे। चर्च में पहुंचकर प्रभु यीशु की प्रार्थना में शामिल होंगे। इसके अलावा भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
जीईएल चर्च में पुण्य रात के धार्मिक अनुष्ठान पादरी जानाथन कंडुलना द्वारा किया गया। मौके पर उन्होंने कहा कि क्रिसमस एक अनोखा पर्व है, जो ईश्वर के प्रेम, आनंद एवं उद्धार का संदेश देता है। यीशु मसीह के मानव अवतार और जीवन ईश्वर के महान प्रेम को दर्शाता है।
पुण्य रात के दिन ही प्रभु यीशु गौशाला में जन्म लेंगे और यह वचन पूरा होगा कि परमेश्वर ने अपने इकलौता पुत्र जगत को दे दिया। जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनंत जीवन पाए, परंतु नाश न होवे।