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Lohardaga Vidhan Sabha Seat: लोहरदगा सीट पर निर्दलीय बढ़ाएंगे टेंशन, कांग्रेस और आजसू का बिगड़ सकता है गेम

Jharkhand Election 2024 लोहरदगा विधानसभा सीट पर 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनमें 3 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और 8 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों की बढ़ती संख्या से राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी वोटों को बंटा सकते हैं और चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।

By Vikram Chouhan Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Mon, 04 Nov 2024 02:33 PM (IST)
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लोहरदगा सीट पर 8 निर्दलीय मैदान में(जागरण)
विक्रम चौहान, जागरण, लोहरदगा। लोहरदगा विधानसभा सीट पर खड़े राजनीतिक दल के प्रत्याशियों की टेंशन निर्दलीय प्रत्याशी बढ़ा रहे हैं। इस बार लोहरदगा विधानसभा सीट से विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशियों को मिलाकर कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। जिसमें से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दलों के तीन, रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दलों के कल छह प्रत्याशी और आठ निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

इन तीन दिग्गजों की बढ़ी टेंशन

मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय राजनीतिक दल के प्रत्याशी के रूप में आजसू की नीरू शांति भगत, कांग्रेस के डॉक्टर रामेश्वर उरांव, बहुजन समाज पार्टी के यशपाल भगत चुनाव मैदान में हैं। लोहरदगा विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों को मिलने वाले वोट हार और जीत के अंतर को भी प्रभावित करते रहे हैं।

इस बार 8 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में

इस बार भी आठ निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को यह चिंता सता रही है कि कहीं निर्दलीय प्रत्याशी फिर इस बार उनके गणित को प्रभावित न कर दें। काफी ज्यादा वोट निर्दलीय प्रत्याशी में बंट जाते हैं। जिसकी वजह से इसका असर हार और जीत पर पड़ता है। निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोट लाने और जीत को लेकर पूरा जोर लगा रहे हैं।

2009 से 2019 तक इस सीट पर क्या रहा था हाल?

साल 2009 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा विधानसभा सीट पर कुल 116556 वोट डाले गए थे। जिसमें से विजेता प्रत्याशी कमल किशोर भगत को 35816 वोट मिले थे।

दूसरे स्थान पर रहने वाले सुखदेव भगत को 35210 वोट मिले थे। इस चुनाव में हार और जीत का अंतर 606 वोट का था। जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 5205 वोट मिले थे। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में कुल 146657 वोट डाले गए थे। जिसमें से विजेता प्रत्याशी कमल किशोर भगत को 56920 वोट मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले सुखदेव भगत को 56328 वोट मिले थे।

इस चुनाव में हार और जीत का अंतर 592 वोट का था। इस चुनाव में नोटा को 1858 वोट मिले थे। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों को 10505 वोट मिले थे। वहीं साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 174312 वोट डाले गए थे। जिसमें से विजेता प्रत्याशी रामेश्वर उरांव को 74380 वोट मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले सुखदेव भगत को 44230 वोट मिले थे। चुनाव में 2799 वोट नोटा को मिले थे। जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों को 4314 वोट मिले थे।

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