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इस जंगल में कदम रखते ही पल भर में जा सकती है जान, लकड़ी काटने के लिए दिन में भी जाने से डर रहे लोग

लोहरदगा के कैरो प्रखंड अंतर्गत विराजपुर चाल्हो व खरता जंगल में लोग पहले लकड़ी काटने के लिए जाते थे। पेड़ों की संख्‍या भी धीरे-धीरे कम होने लगी थी। पर्यावरण संरक्षण की बात को ध्‍यान में रखते हुए वन विभाग ने कुछ ऐसा कदम उठाया जिसे सराहा जा रहा है। अब लोग जंगल से सौ मीटर की दूरी पर भी पैर रखने से बचते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 20 Sep 2023 05:03 PM (IST)
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फोटो: घने जंगल की एक प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर (जागरण)
शंभू प्रसाद सोनी, कैरो (लोहरदगा)। जंगल की रक्षा यदि जंगली जीव करे, तो फिर जंगलों में हरियाली कैसे नहीं आएगी। जंगल में लकड़ी काटने अब जाना नहीं क्योंकि वहां अजगर हैं। जी हां, लोहरदगा जिले के कैरो प्रखंड में अब जंगल की रखवाली अजगर सांप कर रहे हैं। जिसके कारण जंगलों में हरियाली छाने लगी है।

जंगल में छोड़े गए अजगर के बच्‍चे

कैरो प्रखंड के विराजपुर जंगल में विगत वर्ष वन विभाग द्वारा एक दर्जन से अधिक अजगर के बच्चे छोड़े गए हैं, जो कि अब धीरे-धीरे बड़े होते जा रहे हैं। लोगों में भय है कि अगर जंगल जाएंगे, तो अजगर उन्हें पकड़ लेगा। जिसके कारण जंगल अब सुरक्षित है।

इसके अलावे, चाल्हो व खरता के जंगल में भी अजगर छोड़े गए हैं। पहले जंगल में जाकर लोग पेड़ों को काटते थे, लेकिन जब से सांप छोड़ा गया है, तब से लोग जंगल में नहीं जा रहे हैं।

हालांकि, वन रक्षा समिति के सदस्यों द्वारा भी निगरानी की जाती है। वन विभाग द्वारा वन रक्षा समिति का भी गठन किया गया है, जो समय-समय पर जंगल को देखते हैं।

वन विभाग द्वारा नियुक्त वाॅचर प्रमेश्वर भगत का कहना है कि विराजपुर जंगल के अलावे चाल्हो जंगल में भी अजगर सांप के बच्चे छोड़े गए हैं ताकि जंगलों की सुरक्षा स्वयं वन्य प्राणी कर सकें। उन्होंने लोगों से जंगल में अनावश्यक प्रवेश नहीं करने की बात कही है।

वन्य प्राणी स्वयं कर रहे हैं जंगल की सुरक्षा

कैरो प्रखंड के विराजपुर सहित चाल्हो व खरता गांव के जंगल में विगत वर्ष अजगर के बच्चे वन विभाग द्वारा छोड़े गए हैं। जिसके भय से अब लोग जंगल की ओर रुख नहीं करते हैं। अजगर सांप के भय से लोग जंगल लकड़ी काटने भी नहीं जाते हैं।

अब जंगल की सुरक्षा स्वयं वन्य प्राणी कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा सार्थक पहल किया गया है ताकि जंगल से पेड़ों की कटाई रुक सके। इससे पहले लोग जंगल से लकड़ी काटते थे। लेकिन कुछ दिनों से लोग जंगल से पेड़ों की कटाई नहीं कर रहे हैं।

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बढ़ते पर्यावरण संकट के लिए वन विभाग का सार्थक पहल

कैरो के विराजपुर जंगल में अजगर छोड़े जाने के बाद से पेड़ों की कटाई करने पर रोक लगी है। लोग भय से जंगल में नहीं जाते हैं। वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी सार्थक पहल किया गया है।

इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलता नजर आ रहा है। निकट भविष्य के लिए सभी की जिम्मेवारी बनती है कि पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देते हुए पौधारोपण करें।

इस पर क्या कहते हैं ग्रामीण

कैरो प्रखंड के विराजपुर सहित अन्य गांव के जंगल में पेड़ों की कटाई रोकने के लिए वन विभाग द्वारा एक दर्जन से अधिक अजगर के बच्चे छोड़े गए हैं।

विराजपुर गांव के ग्रामीण लक्ष्मण भगत का कहना है कि वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर पहल किया गया है। जंगल में अजगर सांप छोड़े जाने के बाद से लोग भय से नहीं जाते हैं।

ग्रामीण सोमरा उरांव का कहना है कि जंगल को बचाना हम सभी का कर्तव्य बनता है, अगर जंगल को नहीं बचाएंगे तो निकट भविष्य में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जंगलों में सांप को सुरक्षित रखने के लिए छोड़ा जाता है। अगर ग्रामीण भयभीत होकर जंगल से पेड़ नहीं काट रहे हैं तो अच्छी बात है। हालांकि जंगल से पेड़ काटते पकड़े जाने पर सीधे कार्रवाई की जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होना चाहिए। सभी लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि वे पेड़ की सुरक्षा करें। ताकि वातावरण प्रदूषित न हो। जंगल से गिरे हुए या सूखी टहनी को काटकर ला सकते हैं- अरविंद कुमार, डीएफओ, लोहरदगा।

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