मित्रता की मिसाल बन गए अशोक और सहदेव, दोस्ती में अच्छी नौकरी छोड़ी; शादी तक से कर दिया था इनकार
झारखंड के पाकुड़ से मित्रता की मिसाल बने दो दोस्तों की कहानी सामने आई है। दोनों मित्र अब बुजुर्ग हो गए हैं और इनकी उम्र में एक-दूसरे से 3 साल का अंतर है। इनके बीच पनपी छह दशक पुरानी दोस्ती आज भी पहले जैसी ही बनी हुई है। एक समय ऐसा भी आया जब दोनों अलग ना होने पाएं इसके लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी।
संवाद सूत्र, हिरणपुर (पाकुड़)। Friendship Day: हिरणपुर बाजार के रहने वाले अशोक दत्ता व सहदेव साहा दोस्ती की मिसाल बन गए हैं। 77 वर्षीय अशोक और 74 वर्षीय सहदेव की छह दशक पुरानी दोस्ती आज भी उसी ऊर्जा और जोश के साथ कायम है।
एक साथ हाईस्कूल में पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1972 में उच्च शिक्षा हासिल करने दोनों भागलपुर चले गए। सहदेव ने मारवाड़ी कालेज में कामर्स की पढ़ाई शुरू की, जबकि अशोक ने टीएनबी कॉलेज में नामांकन के पश्चात विज्ञान विषय की पढ़ाई शुरू की।
दोनों ने नौकरी भी छोड़ दी थी
दोनों एक ही छात्रावास में रहकर पढ़ाई करते थे। यहां दोनों की मित्रता और भी मजबूत हो गई। पढ़ाई पूरी करने के बाद सहदेव की यूनियन बैंक में नौकरी लग गई।
अशोक को एचएमटी कंपनी में अच्छे पद पर नौकरी मिली। नौकरी के कारण दोनों दोस्त अलग-अलग न हो जाएं, इसके लिए दोनों ने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया।
वर्ष 1975 में अशोक की शादी तय हुई थी, लेकिन उन्होंने सहदेव की शादी तय होने तक खुद शादी करने से इनकार कर दिया।
वर्ष 1978 में सहदेव की शादी के साथ ही अशोक ने भी शादी कर ली। शादी के बाद सहदेव व अशोक का परिवार एक साथ एक छत के नीचे रहने लगे।
अब कर रहे ये काम
वर्तमान में सहदेव साहा की चार पुत्री हैं। अशोक को दो पुत्र और एक पुत्री हैं। बेटियों का विवाह हो चुका है। दोनों परिवार के बेटे और बेटियां एक दूसरे को पिता कहकर पुकारते हैं।
वर्तमान समय में अशोक घड़ी की दुकान चला रहे हैं, जबकि सहदेव समाज की सेवा में जुटे हुए हैं।
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