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CM हिमंत बस्व सरमा को नहीं मिली गोपीनाथपुर जाने की अनुमति, बंगाल से है इलाके का कनेक्शन

CM Himanta Biswa Sarma झारखंड में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भाजपा के चुनावी अभियान को धार देने के लिए झारखंड के दौरे पर हैं। वह गुरुवार को पाकुड़ पहुंचे। हालांकि मुख्यमंत्री हिमंत सरमा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर गांव नहीं जा सके।

By Rohit Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Thu, 01 Aug 2024 05:28 PM (IST)
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, पाकुड़। CM Himanta Biswa Sarma भाजपा के चुनावी अभियान को धार देने गुरुवार को पाकुड़ पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गोपीनाथपुर गांव नहीं जा सकेंगे। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें गोपीनाथपुर गांव जाने की अनुमति नहीं दी।

हिमंत सरमा गुरुवार को गोपीनाथपुर जाकर बंगाल के उपद्रवियों से पीड़ित हिंदू परिवार से मुलाकात करने वाले थे। दरअसल, बकरीद में गोपीनाथपुर गांव में कथित रूप से गोवंशी काटे जाने का विरोध करने पर दो समुदायों में विवाद हो गया था। इसके बाद सीमावर्ती बंगाल के इलाके से सैंकड़ों की संख्या में उपद्रवी गोपीनाथपुर पहुंचकर हिंदू परिवारों पर हमला किया था।

पाकुड़ दौरे पर बाबूलाल मरांडी

उपद्रव के दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई थी और कई घरों को जला दिया गया था। उस समय घटना के बाद भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी, राजमहल विधायक अनंत ओझा, गोड्डा विधायक अमित मंडल ने गोपीनाथपुर गांव का दौरा कर राज्य सरकार पर निशाना साधा था।

यहां गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री और राज्यसभा दीपक प्रकाश का गायबथान और केकेएम कॉलेज के आदिवासी छात्रावास और गोपीनाथपुर जाने का कार्यक्रम था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी एक दिन पहले से पाकुड़ में हैं।

पाकुड़ में कार्यकर्ताओं से मिले असम के मुख्यमंत्री 

हिमंत बिस्वा सरमा ने पाकुड़ में कार्यकर्ताओं से संगठनिक मुद्दों पर बात की। साथ ही सरमा और दीपक प्रकाश महेशपुर प्रखंड के गायबथान गांव का दौरा किया और पीड़ित आदिवासी परिवारों से बात की। गायबथान में जमीन के मुद्दे पर आदिवासी और मुसलमान पक्ष के बीच संघर्ष हुआ था। दोनों नेताओं ने आदिवासी परिवारों को सांत्वना दी।

इसके बाद दोनों नेता पाकुड़ के केएम कॉलेज स्थित आदिवासी छात्रावास गए और छात्रों से मुलाकात कर 26 जुलाई की रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प की जानकारी ली। भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।

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