आईटी प्रोफेशनल से फिल्म निर्माता बने अशोक प्रसाद अभिषेक, हिंदी, भोजपुरी सहित कई भाषाओं में बना रहे फिल्म
अशोक प्रसाद ( अविषेक) ने सन 2000 में आईई एरा आईटी से जर्नी स्टार्ट की आईई एरा ट्रेंडिंग और आई ई एरा फिल्म्स कंपनी का निर्माण कर के उन्होंने अपनी यात्रा एक फिल्म निर्माता के रूप में शुरु की लेकिन जल्द ही एक निर्देशक और फिल्म फाइनेंसर भी बन गए।
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 04:59 PM (IST)
बॉलीवुड एक ऐसी दुनिया है जिसका आकर्षण लोगों को दूसरे क्षेत्रों से भी खींच लेता है। 20 साल से आईटी प्रोफेशनल में काम कर रहे अशोक प्रसाद (अभिषेक) इस बात का ताजा उदाहरण हैं कि कई फील्ड में काम करने के बाद वह फ़िल्म प्रोड्यूसर के रूप में सामने आए हैं। वह अपने बैनर आईईव एरा फिल्म्स के बैनर तले हिंदी सहित कई रीजनल भाषाओं की फिल्मे भी प्रोड्यूस कर रहे हैं।
अशोक प्रसाद अभिषेक देश के सबसे नए और युवा टैलेंट्स में से एक हैं। वह अपने काम पर गहरा ध्यान देते हैं और इसी बात ने उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ और मनोज तिवारी सहित कई चोटी के कलाकारों के साथ काम किया है। वह कई बेहतरीन शार्ट फिल्मों के जाने-माने निर्माता और निर्देशक भी हैं।
अशोक प्रसाद (अभिषेक) मल्टी टैलेंटेड व्यक्ति हैं, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है जैसे आईटी सर्विसेज, शेयर मार्केटिंग, इन्वेस्टिंग, क्रिप्टो आदि। अशोक प्रसाद ( अविषेक) ने सन 2000 में आईई एरा आईटी से जर्नी स्टार्ट की आईई एरा ट्रेंडिंग और आई ई एरा फिल्म्स कंपनी का निर्माण कर के उन्होंने अपनी यात्रा एक फिल्म निर्माता के रूप में शुरु की, लेकिन जल्द ही एक निर्देशक और फिल्म फाइनेंसर भी बन गए।
अशोक प्रसाद अभिषेक ने जब पहली फ़िल्म बनाने का इरादा किया उसका टाइटल भी काफी रोचक है। जी हां फ़िल्म का नाम है "अभिनेता से राजनेता"। और रोचक तथ्य यह है कि यह भोजपुरी की पहली बायोपिक फिल्म होगी। कोलकाता के रहने वाले अशोक प्रसाद अभिषेक को भोजपुरी के सिंगर हीरो निरहुआ की जिंदगी पर्दे पर उतारने वाली प्रतीत हुई। जिस तरह एक लोकगायक से निरहुआ भोजपुरी फिल्म के स्टार और मनोज तिवारी, रवि किशन के बाद सुपर स्टार बने। फिर आजमगढ़ से सांसद भी बन गए। तो यह अभिनेता से राजनेता बनने की रियल स्टोरी है। संयोग की बात है कि रवि किशन और मनोज तिवारी भी अभिनेता से नेता बने हैं।अशोक प्रसाद अभिषेक ने इस सब्जेक्ट के लिए इन तीनों कलाकारों का चुनाव किया। बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में भव्य मुहूर्त किया गया। इस अवसर पर तीनों स्टार्स और सांसद रवि किशन शुक्ला, मनोज तिवारी मृदुल और दिनेशलाल यादव निरहुआ उपस्थित थे। इस फ़िल्म में निरहुआ की जिंदगी की संघर्ष की कहानी एक मनोरंजक और प्रेरक रूप में नजर आयेगी। संतोष मिश्रा इसके लेखक और निर्देशक हैं। फ़िल्म में निरहुआ के साथ रवि किशन और मनोज तिवारी भी विशेष भूमिका में होंगे। वहीं पाखी हेगड़े और आम्रपाली दुबे भी इस फ़िल्म का विशेष आकर्षण होंगी।
लंदन से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले अशोक प्रसाद अभिषेक को आइटी बिजनेस और इवेंट मैनेजमेंट का कमाल का अनुभव है और अपनी पहली प्रस्तुति में उन्होंने उन सभी एक्सपीरियंस का भरपूर इस्तेमाल किया है।
अशोक प्रसाद अभिषेक ने अपनी पहली फ़िल्म के रूप में भोजपुरी फिल्म का ही निर्माण क्यों किया? इस संदर्भ में अशोक प्रसाद अभिषेक का कहना है कि काफी रिसर्च करने के बाद उन्होंने इस भाषा मे फ़िल्म बनाने के लिए हामी भरी। उन्होंने भोजपुरी फिल्म का निर्माण करना बेहतर समझा और दिनेश लाल यादव के साथ उन्होंने यह फिल्म बनाई जो निरहुआ के जीवन की रियल कहानी पर आधारित है या आप इसे निरहुआ की बॉयोपिक भी कह सकते हैं। अशोक प्रसाद अभिषेक यह भी मानते हैं कि आज वर्ल्ड सिनेमा के आम लोगों तक पहुंचने से रीजनल फिल्मों का ठप्पा हट गया है। अब फ़िल्म की क्वालिटी देखी जाती है, उसकी भाषा या ऐक्टर्स नहीं। साउथ फिल्मों की सफलता ने सारे फॉर्मूले तोड़ दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस फ़िल्म के बाद अशोक प्रसाद अभिषेक का अगला प्रोजेक्ट हिंदी में होगा और जिसका टाइटल भी काफी कैची है "आइटी इन सोसायटी"।
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