Pakur News: छात्रों की पिटाई के मामले में बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार और SP को घेरा, बोले- जारी रहेगा आंदोलन
Jharkhand News झारखंड के पाकुड़ में केकेएम कॉलेज के छात्रावास में पुलिस द्वारा छात्रों की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा ने पुलिस के इस कृत्य पर कड़ा एतराज जताते हुए केवल निलंबन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। वहीं पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने पीड़ित छात्रों से मुलाकात की। मरांडी ने एसपी और राज्य सरकार पर इसमें शामिल होने के आरोप लगाए हैं।
जागरण संवाददाता, पाकुड़। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को पाकुड़ के केकेएम कॉलेज छात्रावास में छात्रों से मिले। उनसे संवाद के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए बाबूलाल ने कहा कि सोची-समझी योजना के तहत छात्रावास में छात्रों को पीटा गया, ताकि यहां के छात्र गायबथान की घटना एवं संताल में आदिवासियों की घट रही आबादी को लेकर जनआक्रोश रैली नहीं निकाल सकें।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर किसके आदेश पर इतनी बड़ी संख्या में पुलिस छात्रावास जाती है और छात्रों की पिटाई करती है। बाबूलाल ने कहा छात्रों की पिटाई राज्य सरकार व यहां के एसपी के निर्देश पर हुई है।
लड़कों ने उन्हें बताया पहले एक एएसआइ अपने ड्राइवर के साथ आते हैं। फोन पर बात कर रहे एक लड़के की माेबाइल फोन छिनते हैं। इसको लेकर एक लड़के से विवाद होता है। इसके बाद रात 12 बजे के बाद सैंकड़ों की संख्या में पुलिस आती है और छात्रों की जमकर पिटाई की जाती है।
पुलिस की बातों में विरोधाभास: बाबूलाल
जिस प्रकार छात्रों को पीटा जाता है। यह बिना एसपी के आदेश से संभव ही नहीं हो सकता। बाबूलाल ने कहा कि पुलिस की बातों में भी विरोधाभास है। आज भी लड़कों को पुलिस भयभीत कर रही है।
छात्रावास के छात्र अभी भी डरे सहमे हुए हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि इस घटना में शामिल पुलिस कर्मी के खिलाफ नाम से प्राथमिकी होनी चाहिए। कायदे से तो राज्य सरकार को एसपी को भी निलंबित कर देना चाहिए।
युवाओं के आवाज को दबाना चाहती सरकार
महेशपुूर के गाय बथान में आदिवासियों पर अत्याचार हुआ। उन्हें अपनी जमीन पर घर बनाने से रोका गया। उनके साथ मरपीट की गई। लगातार आदिवासी समाज की आबादी कम हो रही है। कालेज में पढ़ाई करने वाले ये छात्र समाज के जागरूक प्रहरी होते हैं। उन्हें ये मुद्दे टीस रहे होंगे।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर छात्र आक्रोश रैली निकालने वाले थे। सरकार नहीं चाहती थी कि यह मुद्दा गरमाए। कहा कि देश में जितनी भी आजादी की लड़ाई हुई सभी में युवाओं ने उसे संभाला। झारखंड अलग राज्य के आंदोलन को भी लड़काें ने कही अग्रिम पंक्ति में रहकर संभाला।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।