Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

काला बिल्ला लगा रेलकर्मियों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी पाकुड़ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईस्टर्न रेलवे मेंस यूि

By JagranEdited By: Updated: Mon, 07 Jun 2021 05:55 PM (IST)
Hero Image
काला बिल्ला लगा रेलकर्मियों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, पाकुड़: ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन कोलकाता के बैनर तले रेलवे स्टेशन परिसर में सोमवार को रेल कर्मचारियों ने अपने मांगो के समर्थन में मानवश्रृंखला बनाया एवं काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान रेल कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन व केंद्र सरकार की उदासीन रवैये के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस अवसर पर यूनियन के शाखा अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे के कहा कि इस कोरोना महामारी के दौर में रेल कर्मियों ने जिस प्रकार लग्न एवं निष्ठा के साथ अपनी जान हथेली पर लेकर देश की सेवा की है। इस क्रम में करीब 2500 से अधिक कर्मवीर रेल योद्धा साथियों को खोया है, इसके बावजूद केंद्र सरकार रेल कर्मियों को अभी तक फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा नहीं दे रही। इसकी जितनी भी निदा की जाए वह कम है। कहा कि संपूर्ण देश ने देखा है कि इस महामारी के प्रथम दौर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रमिकों को उनके गृह नगर तक पहुंचाने में, माल ढुलाई को पूर्व की तुलना में ढाई गुना तक बढ़ाने में जिस निष्ठा, समर्पण एवं देश सेवा को सर्वोपरि मानने की भावना का परिचय दिया है। जबकि संपूर्ण देश की आम जनता अपने परिवार बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितित थे, लोग अपने-अपने घरों में बंद थे। इस महामारी के दूसरे दौर में भी आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई सुनिश्चित करने, आक्सीजन सप्लाई चैन को त्वरित गति देकर मरीजों की जान की रक्षा करने, रेलवे कोचों को कोविड केयर कोच में बदलकर समर्पण का परिचय दिया है। यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ओझा कहा कि केंद्र सरकार को स्वयं ही डॉक्टर, नर्स पुलिसकर्मी, सफाई कर्मी, आशा वर्कर एवं तमाम स्वास्थ्य कर्मी के समकक्ष मानते हुए रेल कर्मियों को कोरोना महामारी के दौर में फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करना चाहिए था। रेल मंत्री ने भी इस बात को स्वीकारा था कि इस महामारी में रेल कर्मियों का योगदान अतुलनीय है। परंतु दुखद है कि रेलकर्मी पुरस्कृत होने के बजाय दंडित हो रहे हैं। रेल कर्मियों को कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर घोषित नहीं किया गया। केंद्र सरकार के इस दोहरे रवैए से तंग आकर एआइआरएफ ने राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दर्ज करते हुए मांग की है कि आगामी जुलाई 2021 से एरियर, डीए के साथ महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए। इस मौके पर सोमेन घोष, विक्टर जेम्स, अमर मल्होत्रा, फजले रहमान, अरुण कुमार, कलीम अंसारी, पिटू पटेल, दीपक प्रमाणिक, गुंजन कुमार, गुलाम मोहिउद्दीन, सुधीर कुमार, रामकुमार यादव सहित दर्जनों रेल कर्मी शामिल हुए।