Jharkhand News: ...तो पलामू में इस कारण से नहीं लगेगा बाबा बागेश्वर का 'दिव्य' दरबार, सामने आई वजह
झारखंड के पलामू में लगने वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम दिव्य दरबार को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। दरअसल बागेश्वर धाम के सरकार धीरेंद्र शास्त्री 10-12 दिसंबर को पलामू में दिव्य दरबार लगाने वाले थे। हालांकि प्रशासन के फैसले के बाद बागेश्वर बाबा को दिव्य दरबार लगाने के लिए इंजतार करना पड़ेगा। प्रशासन ने विधि-व्यवस्था का हवाला देते हुए यह कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
By Murtaja AmirEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 26 Nov 2023 04:48 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर(पलामू)। बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के आगामी 10-12 दिसंबर को पलामू में दिव्य दरबार लगाने का कार्यक्रम स्थगित हो गया है। अब धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा को पलामू में दिव्य दरबार लगाने के लिए इंजतार करना होगा।
जिला प्रशासन ने उनके कार्यक्रम आयोजन कराने के लिए प्रदूषण, वन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने की शर्त रख दी है। इसके अलावे विधि-व्यवस्था का मसला भी है। बिना इन शर्त पूरा किए आयोजन की प्रशासनिक अनुमति नहीं दी जाएगी।
उपायुक्त शशि रंजन ने क्या कहा
उपायुक्त शशि रंजन का कहना है कि नदी किनारे आयोजन करने से नदी का इकोसिस्टम प्रभावित होने का खतरा है। इस कारण वन एवं पर्यावरण विभाग की अनापत्ति जरूरी है। कार्यक्रम स्थल की मिट्टी के बलुआही प्रकृति होने के कारण पंडाल के स्ट्रक्चर के धंसने का खतरा है। इस कारण वहां की मिट्टी जांच के लिए टीम गठित की गई है।इसमें भवन, जलपथ व लघु सिचांई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को शामिल किया गया है। मिट्टी जांच रिपोर्ट के आधार पर स्ट्रक्चर को लगाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नदी किनारे आयोजन होने से प्रदूषण होने का खतरा भी है। इस कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आदेस जरुरी है। कार्यक्रम में दो से तीन लाख के करीब लोगों के आने की संभावना है।
ऐसे में किसी बड़े हादसा से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस कारण आपदा प्रबंधन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरुरी है। उन्होंने कहा कि आयोजन समिति की ओर से मेला में संभावित भीड़ को देखते हुए दंडाधिकारी, पुलिस बल की मांग भी नहीं की गई है।
राजनीतिक दबाव की बात पूछे जाने पर किया इनकार
दंडाधिकारी, पुलिस बल की मांग की गई तो जिला प्रशासन उपलब्ध कराने में असमर्थ है क्योंकि दंडाधिकारी समेत पुलिस फोर्स सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में लगे हुए हैं। यह 26 दिसंबर तक चलेगा।
राजनीतिक दबाव की बात पूछे जाने पर इनकार करते हुए कहा कि कल आयोजन स्थल पर कोई हादसा हो गया तो कौन जवाबदेह होगा। पर्यावरण प्रदूषण या इकोसिस्टम के प्रभावित होने का मामला एनजीटी में गया तो कौन जवाब देगा। प्रशासन फुलप्रूफ तैयारी के साथ आयोजन कराना चाहता है ताकि कल के दिन कोई प्रशासन पर उंगली नहीं उठा सके।यह भी पढ़ें: Jharkhand Crime: 'बॉस का आदेश है 50 लाख दे दो नहीं तो...' महिला के कॉल के बाद कारोबारी सहमा; एक्शन में पुलिस
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